हिमाचल का एक ऐसा गांव जहां पहली बार मनाया जाएगा स्वतंत्रता दिवस

बड़ा भंगाल हिमाचल का एक ऐसा गांव, जहां पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं। यह गांव हिमाचल के जिला कांगड़ा में है। बड़ा भंगाल बैजनाथ उपमंडल की अतिदुर्गम घाटी और ग्राम पंचायत है। मगर इस गांव में पहली बार आजादी की 75वीं वर्षगाठ मनाई जाएगी। 15 अगस्त को पहली बार घाटी में स्वतंत्रता दिवस पर
हिमाचल का एक ऐसा गांव जहां पहली बार मनाया जाएगा स्वतंत्रता दिवस

बड़ा भंगाल हिमाचल का एक ऐसा गांव, जहां पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं। यह गांव हिमाचल के जिला कांगड़ा में है। बड़ा भंगाल बैजनाथ उपमंडल की अतिदुर्गम घाटी और ग्राम पंचायत है। मगर इस गांव में पहली बार आजादी की 75वीं वर्षगाठ मनाई जाएगी। 15 अगस्त को पहली बार घाटी में स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस को डायमंड जुबली के रूप में मनाया जाएगा।

 

 

आजादी के 75 साल पूरे होने पर 15 अगस्त को उपमंडल स्तर पर मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस इस बार बड़ा भंगाल में भी मनाया जाएगा। इसका बीड़ा उठाया है बैजनाथ के उपमंडल अधिकारी नागरिक (SDM) सलीम आजम ने। उनका कहना है कि बड़ा भंगाल में 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाएगा। यह पहला मौका होगा, जब बड़ा भंगाल में आजादी का जश्न मनाया जाएगा। बड़ा भंगाल में आजादी के बाद प्रशासन ने तिरंगा नहीं फहराया है।

 

76 किलोमीटर का पैदल सफर

सलीम आजम कहते हैं कि बड़ा भंगाल में कार्यक्रम आयोजित करना किसी चुनौती से कम नहीं है। बड़ा भंगाल पहुंचने के लिए छोटा भंगाल घाटी के बड़ा ग्रां से या बीड़ राजगूंधा होकर 76 किलोमीटर का पैदल सफर करना होगा। इसके तीन दिन का वक्त लगेगा। इसके लिए एसडीएम बैजनाथ सलीम आजम ने पहल की है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से विशेष बैठक कर रणनीति तैयार कर ली है।

 

 

11 अगस्त को रवाना होगी टीम

उन्होंने बताया कि बड़ा भंगाल के लिए बैजनाथ से 11 अगस्त को अधिकारियों का एक जत्था रवाना होगा, जो 14 अगस्त को बड़ा भंगाल पहुंचेगा। इसमें एसडीएम के साथ विकास खंड अधिकारी, जल शक्ति विभाग, वन विभाग, तहसीलदार मुलथान, आयुर्वेद व पशुपालन विभाग और अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी रवाना होंगे। पुलिस की पांच सदस्यों की एक टीम पहले ही रवाना कर दी जाएगी।

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पार करना होगा थमसर दर्रा

प्रशासन की टीम को घाटी के रास्ते में सबसे ऊंची चोटी थमसर दर्रे को पार करना होगा। बड़ा भंगाल पहुंचना कोई आसान काम नहीं है। इस ट्रैक को प्रदेश के सबसे कठिन ट्रैकों में से एक है। वहीं एसडीएम व उनकी टीम जनता की शिकायतें सुनने के लिए बड़ा भंगाल में ‘खुला दरबार’ भी लगाएगी। प्रेम कुमार धूमल पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 2010 में बड़ा भंगाल का दौरा किया था और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं थीं।

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