पूर्व सांसद सुशांत ने बनाई ‘हमारी पार्टी: हिमाचल पार्टी’, तीसरे राजनीतिक विकल्प का दावा

शिमला। चार बार विधायक व एक बार सांसद रहे पूर्व मंत्री डॉ. राजन सुशांत ने सूबे की सियासी तस्वीर बदलने को बड़ा कदम उठाया है। सुशांत ने हिमाचल प्रदेश के लोगों को जोड़ने के उद्देश्य से एक नए राजनीतिक दल का गठन किया है। इस क्षेत्रीय दल को ‘हमारी पार्टी: हिमाचल पार्टी’ नाम दिया गया
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पूर्व सांसद सुशांत ने बनाई ‘हमारी पार्टी: हिमाचल पार्टी’, तीसरे राजनीतिक विकल्प का दावा
शिमला। चार बार विधायक व एक बार सांसद रहे पूर्व मंत्री डॉ. राजन सुशांत ने सूबे की सियासी तस्वीर बदलने को बड़ा कदम उठाया है। सुशांत ने हिमाचल प्रदेश के लोगों को जोड़ने के उद्देश्य से एक नए राजनीतिक दल का गठन किया है। इस क्षेत्रीय दल को ‘हमारी पार्टी: हिमाचल पार्टी’ नाम दिया गया है। सुशांत ने दावा किया है कि यह पार्टी प्रदेश की जनता को तीसरा सियासी विकल्प मुहैया कराएगी।
सुशांत ने कहा कि पार्टी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था, रोजगार, पौंग बांध विस्थापित जैसे स्थानीय मुद्दों के जरिये लोगों को जोड़ने और समस्याओं का हल करने का प्रयास करेगी। प्रदेश में कई बार क्षेत्रीय पार्टियां बनीं लेकिन बनाने वालों पर अस्तित्व का संकट था। इसीलिए वह लंबे समय तक नहीं चलीं। उन्होंने कहा कि जीवन में किया गया संघर्ष ही मेरी ताकत है और इसी को देखते हुए जनता सहयोग करेगी। सुशांत का यह विकल्प पंडित सुखराम और महेश्वर सिंह के बाद तीसरा बड़ा प्रयास है।
वाईडब्ल्यूसीए शिमला में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान सुशांत ने पार्टी की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह पार्टी सिर्फ हिमाचल के लोग चलाएंगे और इसकी सरकार दिल्ली में बैठे किसी सम्राट के सूबेदार के तौर पर नहीं बल्कि हिमाचल के लोगों के हित के लिए काम करेगी। प्रदेश में तेरह लाख बेरोजगार हैं जिन्हें नौकरी देने के लिए काम नहीं हो रहा। करुणामूलक आधार पर भी नौकरी देने में भेदभाव किया गया है और लोग परेशान घूम रहे हैं। यही हाल रहा तो प्रदेश में गुजरात की तरह बड़ा बेरोजगारी आंदोलन होगा।

भाजपा-कांग्रेस मौज उड़ाने के लिए ले रही लोन
प्रदेश की भाजपा और कांग्रेस की सरकारें सिर्फ मौज उड़ाने के  लिए लोन ले रही हैं और बड़े प्रोजेक्टों को खुद बनाने के लिए लोन लेने के बजाय दूसरी कंपनियों को महज दस से बारह प्रतिशत की रॉयल्टी पर दे रही हैं। हिमाचल में पैदा हो रहे बच्चे पर अस्सी हजार का उधार का बोझ डाला जा रहा है। पुरानी पेंशन स्कीम बंद कर करीब डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारियों के साथ अन्याय किया गया है। अगर कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था नहीं बदली जाती तो सभी विधायकों व सांसदों की भी पेंशन 2003 के बाद नए नियम के अनुसार दी जाए।

अडानी-अंबानी को दे रहे फायदा
सुशांत ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज सरकार खुद नहीं बना रही बल्कि अडानी-अंबानी को दिए जा रहे हैं। यही नहीं, जिस सेब को बाग से 25-30 रुपये में खरीदा जा रहा है, उसे बाद में हिमाचल के लोगों को ही 100 रुपये में बेचा जा रहा है। हिमाचल में जल, वन व भूमि शक्ति है जिसमें अपार संभावनाएं हैं। लेकिन भाजपा और कांग्रेस संसाधन लुटाने में एक-दूसरे को पछाड़ने में जुटी हैं। सतलुज को प्रदेश के पहाड़ों से पानी मिलता है लेकिन हमारे बजाय उसके पानी पर हक के लिए पंजाब और हरियाणा लड़ रहे हैं।

शांता को बताया युधिष्ठिर, मंशा पर उठाए सवाल
सुशांत के निशाने पर प्रदेश की वर्तमान भाजपा और पूर्व कांग्रेस सरकारों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी रहे। नाम न लेते हुए युधिष्ठिर की संज्ञा दी और कहा कि जो आज की भाजपा सरकार की गलतियों पर सवाल उठा रहे हैं, उनकी गड़बड़ी सामने लाने की मंशा में ही गड़बड़ी दिख रही है।

संघर्ष की कर रहे तैयारी, सरकार को हिलाएंगे
सुशांत ने बताया कि पार्टी तीन से छह महीने में कार्यकारिणी गठित कर सूबे के हर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के चुनाव के लिए अभी से जुटेगी। ओल्ड पेंशन स्कीम और सीमेंट उद्योग की मनमानी के खिलाफ अगले तीन महीने में बड़े आंदोलन किए जाएंगे। उन्होंने पंचायत चुनावों में शामिल न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी मुद्दों पर आधारित राजनीति करेगी।

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