नए वेतनमान में चिकित्सकों को सरकार ने छला : Dr. Pushpender Verma

महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा  (Dr. Pushpender Verma) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर (Medical Officer) संघ वेतन आयोग (Pay Commission) की सिफारिशों से खासा  नाखुश है , क्योंकि प्रदेश सरकार ने हमें वादा किया था कि हमारे नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को पंजाब की तर्ज पर कम नहीं किया जाएगा ।
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हमीरपुर।  हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर (H.P Medical Officer) संघ की बुधवार को  एक महत्वपूर्ण आपातकालीन बैठक नए वेतन आयोग को लेकर हुई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजेश राणा (Rajesh Rana) ने की । प्रदेश महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा (Dr. Pushpender Verma) ने इस बैठक का संचालन करते हुए सभी जिला कार्यकारिणीयों के सदस्यों को अपना अपना विचार रखने को कहा । उसके बाद महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा (Dr. Pushpender Verma) ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर (Medical Officer) संघ वेतन आयोग की सिफारिशों से खासा  नाखुश है , क्योंकि प्रदेश सरकार ने हमें वादा किया था कि हमारे नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को पंजाब की तर्ज पर कम नहीं किया जाएगा । लेकिन उसे अब उसी तर्ज पर 25% से कम कर कर 20% कर दिया गया है ।

चिकित्सक संघ ने कहा कि यहां तक तो चलो माना कि सरकार ने पंजाब की तर्ज पर इस को 20% कर दिया , लेकिन आगे नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस के बारे में अधिसूचना जारी करते हुए बेसिक प्लस एनपीए की लिमिट को पंजाब से भी कम करते हुए 218000 कर दिया, जो कि पंजाब में 237600 है। यहां क्यों पंजाब की सिफारिश को दरकिनार किया गया। यह सरासर और सीधा प्रदेश के चिकित्सकों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। संघ के सभी सदस्यों ने एकमत से सरकार से सवाल पूछा है कि अगर पंजाब की तर्ज पर हमारे एनपीए पर कैंची चला कर उसको 25 % से 20% कर दिया तो पंजाब की तर्ज पर उस की अधिकतम सीमा को क्यों पंजाब के चिकित्सकों से 20,000 कम कर दिया ?   

सरकार के इस दोगले रवैय पर गहरा दुख प्रकट किया और इसे अपने प्रति एक अन्याय पूर्ण फैसला माना गया। चिकित्सक संघ ने सरकार के उस फैसले को भी चिकित्सकों के साथ धोखा बताया, जिसमें उनके 4-9-14 के टाइम स्केल पर कैंची चला दी गई और उसे बंद कर दिया गया । संघ के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा (Dr. Pushpender Verma) ने कहा कि बरसों बरसों तक हमारे चिकित्सकों की कोई तरक्की समय अनुसार नहीं हो रही है। आज के इस समय में भी बहुत से ब्लॉक में बीएमओ (BMO) के पद  खाली पड़े हुए हैं। बरसों से चिकित्सक अपनी तरक्की की राह देख रहे हैं। सिर्फ 4-9-14 टाइमस्केल ही एक आशा की किरण थी जो कि हमारे चिकित्सकों को इस सरकारी नौकरी की तरफ आकर्षित कर रही थी और उनके प्रमोशन न होने पर उनको दिलासा भी दे रही थी कि चलो कम से कम 4-9-14 टाइम स्केल तो मिल रहा है । लेकिन इस पर कैंची चलाना चिकित्सकों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। 

सरकार ने महामारी के समय हमारे चिकित्सकों को इंसेंटिव भत्ता देने की बात कही लेकिन आज तक किसी भी तरह का कोविड (Covid) भत्ता हमारे मेडिकल ऑफिसर्स (Medical Officers) को नहीं दिया गया । संघ ने अंत में फैसला किया कि प्रदेश महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा (Dr. Pushpender Verma)  सरकार को पत्र के द्वारा अपनी इन मांगों को जिसमें 4-9-14 के टाइमस्केल को जारी रखना और नए वेतनमान में बेसिक प्लस एनपीए (NPA) की लिमिट को पंजाब की ही तर्ज पर 237600 रखना प्रमुखता से रखा जाएगा और सरकार से प्रार्थना की जाएगी कि वह तुरंत 7 दिनों के भीतर इस वेतन विसंगति को दूर करें नहीं तो संघ संघर्ष के रास्ते पर चलने पर मजबूर हो जाएगा ।

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इस बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ चांदनी राठौर कांगड़ा के महासचिव, डॉ सनी धीमान मंडी के महासचिव, डॉ विकास ठाकुर प्रदेश संयुक्त सचिव, डॉ निशांत ठाकुर मंडी महासचिव, डॉ विजय राय आरडीए नेरचौक प्रधान, डॉ विशाल जमवाल आरडीए महासचिव टांडा,  डॉ मनोज ठाकुर डॉक्टर जयंत ठाकुर हमीरपुर सचिव, डॉ मोहित डोगरा शिमला से,  डॉक्टर घनश्याम वर्मा प्रदेश कोषाध्यक्ष,  डॉ प्रवीण चौहान व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। 

 

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