95 प्रतिशत अनुदान प्राप्त स्कूलों से टेकओवर टीजीटी प्रमोट नहीं हो रहे पीजीटी

हिमाचल प्रदेश में 95 प्रतिशत सरकारी अनुदान पोषित स्कूलों से टेकओवर किए गए टीजीटी कला शिक्षक प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं।

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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में 95 प्रतिशत सरकारी अनुदान पोषित स्कूलों से टेकओवर किए गए टीजीटी कला शिक्षक प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं। इन स्कूलों में जुलाई 1999 से अगस्त, 2012 तक कार्य कर चुके टीजीटी शिक्षकों को वर्ष 2012 में प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में समाहित किया था। 3 जुलाई, 2012 को विशेष सचिव (शिक्षा) ने सरकार द्वारा 23 मई, 2012 और 20 जुलाई, 2011 को लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए 95 फीसद अनुदान प्राप्त स्कूलों के स्टाफ को टेकओवर करने का फैसला प्रचलित भर्ती पदोन्नति नियम पूरे करने पर सरकार के अधीन लाने की अधिसूचना की और वर्ष 2012 में स्नातक में 50 प्रतिशत अंकों की शर्त टीजीटी पद हेतु मौजूद नहीं थी और पीजीटी/ प्रवक्ता पदोन्नति हेतु स्नाकोत्तर में 50 प्रतिशत अंकों की शर्त नहीं थी।

यह जानकारी देते हुए टीजीटी कला संघ महासचिव विजय हीर ने बताया कि पीजीटी के वर्ष 2012 के भर्ती पदोन्नति नियमों के अनुसार 19 अगस्त , 2011 से पहले शिक्षा विभाग में तैनात या कार्यरत टीजीटी कला  शिक्षकों पर पदोन्नति हेतु एम0ए0 और बी0एड0 की शर्त लागू नहीं होती है और इस नियम के तहत पदोन्नति के लिए ये शिक्षक पात्र थे मगर 8 जुलाई ,2020 को टीजीटी से प्रवक्ता स्कूल नई व्यवस्था पदोन्नति अधिसूचना में उक्त छूट समाप्त कर दी गई है। ऐसे में नए नियमों का हवाला देकर इन शिक्षकों को प्रमोट नहीं किया जा रहा है।

ऐसे में अब नई शिक्षा नीति में प्रदेश सरकार द्वारा प्रवक्ता टीईटी लगाने पर हजारों टीजीटी 50 फीसद अंक न होने के चलते न तो टीईटी दे सकेंगे और न ही प्रमोट होंगे और न ही उनको वर्ष 2011 की उक्त अंक छूट का लाभ मिलेगा जो कि तत्कालीन सरकार ने दी थी जिसके तहत 50 प्रतिशत स्नातकोत्तर अंकों की शर्त वर्ष 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों पर नहीं लगाने का फैसला हुआ था। ऐसे में उस निर्णय को लागू किया जाना आपेक्षित है। हीर ने बताया कि यह मामला शिक्षा सचिव और उच्च शिक्षा  निदेशक के ध्यान में लाया जा चुका है ताकि वर्ष 2012 में मिली छूट समाप्त न की जाए।

मार्च में आधे पाठ्यक्रम से ही डालें बोर्ड पेपर्स

टीजीटी कला संघ महासचिव विजय हीर ने बताया कि मार्च माह में एलीमेंटरी कक्षाओं के बोर्ड पेपर्स में आधा पाठ्यक्रम ही कवर किया जाए। कक्षा 9 से 12 में आधे पाठ्यक्रम के पेपर्स नवंबर और मार्च में आधे पाठ्यक्रम से होने हैं मगर कक्षा 5 और 8 में सारे पाठ्यक्रम से पेपर डाला जाता है। ऐसे में एकरूपता लाने हेतु एसए टर्म के लिए तय आधे पाठ्यक्रम में से ही पेपर्स डाले जाएं। कक्षा 9 से 12 के लिए हुआ समेस्टर सिस्टम अगले सत्र से लागू हो और पहला समेस्टर 6 माह में हो या ली गई टर्म परीक्षा को एसए 1 मानें क्योंकि नवंबर से मार्च के बीच आधे पाठ्यक्रम के पेपर्स की तैयारी हेतु कम समय शेष है और शीतकालीन अवकाश से इसमें और बाधा आएगी।

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