शिक्षा विभाग के हजारों कोर्ट केस हल करने हेतु करें नई पहल : Vijay Heer

कर्मचारी अदालत (Court)  में निपटाएं शिक्षा विभाग (Education Department) के सामान्य मामले , शिक्षा विभाग (Education Department) शुरू करें शिक्षक हेल्पलाईन 
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हमीरपुर ।  कर्मचारियों (Employees) के लिए ट्रिब्यूनल (Tribunal) की व्यवस्था अब समाप्त है और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (High Court) में इस समय 81243 मामले विचाराधीन हैं। इनमें 71249 मामले सिविल और 9994 आपराधिक मामले हैं। हाईकोर्ट (High Court) में चल रहे बहुत सारे मामले शिक्षा विभाग (Education Department) से जुड़े हैं और इन मामलों को हल होने में लंबा वक्त लग सकता है क्योंकि ट्रिब्यूनल बंद होने के बाद हजारों मामले हाईकोर्ट (High Court) शिफ्ट हुए हैं।

अगर हाईकोर्ट (High Court) के सिविल मामले देखने तो 27 मामले 20 से 30 साल पुराने, 1886 मामले 10 से 20 साल पुराने, 7708 मामले 5 से 10 साल पुराने, 7310 मामले 3 से 5 साल पुराने, 23270 मामले 1 से 3 साल पुराने और 31048 मामले एक साल से कम समय में दर्ज हुए हैं और न्याय हेतु लंबित हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग (Education Department)  के सिविल मामले निपटाने हेतु शिक्षा विभाग (Education Department) लिटिगेशन मोनीटरिंग (Litigation Monitoring) प्रणाली विकसित करते हुए कर्मचारी अदालातों का आयोजन करें।


 शिक्षा विभाग (Education Department)  के अनेकों मामले विभागीय स्तर पर ही हल किए जा सकते हैं और ऐसे में लोक अदालत की तजऱ् पर कर्मचारी अदालत का आयोजन हर माह होना चाहिए। जिसमें अवकाश के दिन कर्मचारियों (Employees)  के मामले पारस्परिक सहमति और आपसी बातचीत से निपटाने हेतु प्रयास किया जाए। गंभीर प्रकृति, भ्रष्टाचार व आपराधिक मामले इसका हिस्सा न बनाए जाएं। अगर सहमति बन जाए तो मामले जल्दी हल होंगे और हाईकोर्ट (High Court) का कीमती समय भी बचेगा। यह मांग प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग (Education Department) से राजकीय टीजीटी कला  (TGT Arts) संघ महासचिव विजय हीर (Vijay Heer) ने की है।

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विजय हीर (Vijay Heer) ने कहा कि अनेकों कर्मचारी मामलों में लंबे समय तक सुनवाई की तारीख नहीं पड़ती और अनेकों मामले निर्णय तक आते आते अप्रासंगिक हो जाते हैं। कर्मचारियों (Employees) के लिए शिक्षा विभाग  (Education Department) ने छोटा सा विधि प्रकोष्ठ बनाया है, जिस पर हजारों मामलों को सुलझाने का भारी बोझ है। ऐसे में हर 6 माह में एक बार समस्त शिक्षक संघों की बैठक शिक्षा निदेशकों को लेनी चाहिए ताकि शिक्षकों के अधिकांश मामले कोर्ट (Court) की बजाय विभाग में ही हल हो जाएं। शिक्षा विभाग (Education Department) में हजारों कोर्ट केस (Court Case) होने के चलते अधिकारियों का अधिकांश समय उन मामलों में को हल करने में ही बीत जाता है और विभाग (Department) के प्रगति से जुड़े कार्यों हेतु समय कम पड़ जाता है।



शिक्षा विभाग (Education Department) शुरू करें शिक्षक हेल्पलाईन (Helpline)

टीजीटी (TGT) कला संघ प्रदेश महासचिव विजय हीर (Vijay Heer)  ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि 70 हज़ार शिक्षकों की विभिन्न दैनिक समस्याओं व प्रश्नों के हल हेतु,  तबादले और सेवा समस्याओं के हल, पदोन्नति और पैनल से जुड़ी समस्याओं के निवारण, वरिष्ठता संबंधी शिकायत व समाधान, त्रुटिपूर्ण आदेशों में संशोधन, विविध मार्गदर्शन और फीडबैक लेने हेतु शिक्षा विभाग हेल्पलाईन (Education Department Helpline)  शुरू करे। यह हेल्पलाईन (Helpline) अलग से सृजित की जाए और इसके लिए अलग से पद सृजित करें। इसकी कार्यप्रणाली सीएम हेल्पलाईन  (CM Helpline) की तरह तय की जाए।  

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