वेतन आयोग लाभ गणना के लिए ऑनलाईन टूल बनाए पंजाब सरकार : विजय हीर

पंजाब सरकार को टीजीटी कला संघ ने भेजा मांग-पत्र , 15 फीसदी वेतन बढ़ाने के विकल्प में एरियर न करें खत्म

पंजाब वेतन आयोग के लाभों की 5 साल से प्रतीक्षा कर रहे सूबे के शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु राजकीय टीजीटी कला संघ ने आवाज़ बुलंद की है

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 हमीरपुर । पंजाब वेतन आयोग के लाभों की 5 साल से प्रतीक्षा कर रहे सूबे के शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु राजकीय टीजीटी कला संघ ने आवाज़ बुलंद की है । संघ के प्रदेश महासचिव विजय हीर ने दस सूत्रीय माँगपत्र पंजाब सरकार मुख्यमंत्री , वित्तमंत्री , प्रधान सचिव और वित्त सचिव को गत सप्ताह भेजा है जिसमें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें ठीक तरीके से लागू करने की अपील की गई है । अगर शिक्षक वर्ग से अन्याय हुआ तो संघ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दर्ज करेगा क्योंकि पंजाब वेतन आयोग की सिफ़ारिशें सीधी तौर पर हिमाचल के कर्मचारियों के हितों को प्रभावित करती हैं ।

विजय हीर ने बताया कि पंजाब सरकार ने 21 अक्तूबर की वार्ता अचानक स्थगित कर दी जिसके चलते संघ ने उनको ज्ञापन भेजा है । वेतन आयोग लागू करने के लिए पंजाब सरकार ने 2.25 , 2.59 और 15 प्रतिशत वेतन बढ़ाने के तीन विकल्प कर्मचारियों से 31 दिसंबर , 2021 तक मांगे हैं । 2.25 और 2.59 विकल्प चुनें तो 2016 से 2021 का बढ़े वेतन का बकाया एरियर मिलेगा लेकिन 15 फीसदी वेतन बढ़ाने का विकल्प चुना तो कर्मचारियों को 5 साल का कोई एरियर नहीं मिलेगा । वर्ष 2016 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को 15 फीसदी वेतन बढ़ाने का विकल्प ही नहीं मिलेगा जबकि इन कर्मचारियों को तो स्केल भी केंद्र की तर्ज़ पर कम दिए गए हैं ।

इस तरह पंजाब सरकार के इस निर्णय का भारी नुकसान प्रदेश के बीस हज़ार कर्मचारियों को होगा । संघ ने 2.25 और 2.59 की बजाय 2.74 गुणांक लागू करने और 15 फीसदी वेतन लाभ पर सीमित एरियर लाभ जारी करने की अपील की है । बढ़े हुए भत्ते व शेष लाभ  कम से कम जनवरी , 2020 से देने और पुरानी पेंशन बहाली हेतु चरणबद्ध टेकओवर प्लान लागू करने , अनुबंध और प्रोबेशन की समाप्ति या न्यूनीकरण हेतु शीघ्र निर्णय लेने हेतु संघ ने विविध मांगें की हैं ।

संघ ने पंजाब वित्त विभाग से अपील की है कि 2.25 , 2.59 और 15 प्रतिशत वृद्धि के फायदे नुकसान जानने के लिए ऑनलाईन गणना टूल विकसित किया जाए ताकि सरकार के द्वारा दिए जा रहे लाभों का सच सामने आ सके । उपायुक्त गणक के अभाव में दर्जनों चैनल अपने -अपने सूत्र लगाकर कर्मचारियों को भ्रमित कर रहे हैं और कर्मचारी सही गुणांक का चयन नहीं कर पा रहे हैं । इससे उनू वेतन आयोग से होने वाले लाभ या नुकसान का सही पता नहीं चल पा रहा है ।

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