आपदा प्रबंधन का महत्वपूर्ण अंग है मानसिक स्वास्थ्य : DC देबश्वेता बनिक

उपायुक्त (DC)  ने किया मेंटल हेल्थ एंड साइको-सोशल स्पोर्ट पर आधारित कार्यशाला का समापन,
डीडीएमए (DDMA) ने फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए आयोजित की तीन दिवसीय कार्यशाला
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हमीरपुर  ।  उपायुक्त (DC)  देबश्वेता बनिक ने कहा है कि हमारे दैनिक जीवन में शारीरिक तंदरुस्ती के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी बहुत महत्व है। इसके बगैर हम पूर्ण रूप से स्वस्थ जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकते है। इसलिए आपदा प्रबंधन में बचाव एवं राहत कार्यों के दौरान प्रभावितों के मानसिक स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उपायुक्त वीरवार को हमीर (Hamir) भवन में संपन्न हुई जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रही थीं। इस कार्यशाला के दौरान विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स और आपदा प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों के कार्यकर्ताओं को मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया गया।


   उपायुक्त  (DC) ने कहा कि भारत में अक्सर मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं की जाती है। संपूर्ण स्वास्थ्य के इस महत्वपूर्ण पहलू पर हम ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और इससे जुड़ी समस्याओं के बारे में आसानी से पता भी नहीं चल पाता है। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आम लोगों में जागरुकता बहुत जरूरी है। उपायुक्त ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा से पीडि़त लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। कोरोना संकट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व में लोगों को केवल शारीरिक और आर्थिक रूप से ही प्रभावित नहीं किया है, बल्कि कई कोरोना संक्रमित लोगों अथवा उनके परिजनों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है। इसी के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फ्रंट लाइन वर्कर्स और आपदा प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों के कार्यकर्ताओं के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला में बेहतर आपदा प्रबंधन की दिशा में यह कार्यशाला बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी। इस अवसर पर उपायुक्त ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किए।


  इससे पहले जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जिला समन्वयक (प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण) समीक्षा शर्मा ने उपायुक्त, सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। स्वयंसेवी संस्था डूअर की निदेशक अनुराधा और एसोसिएट निदेशक नवनीत यादव ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। समापन सत्र में होमगाड्र्स के कमांडेंट सुशील कुमार कौंडल के अलावा पुलिस, होमगाड्र्स स्वास्थ्य, आयुर्वेद और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी अपने अनुभव साझा किए।
 

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