जलशक्ति विभाग बड़सर (IPH Department Barsar) में स्वीकृत निर्माण योजनाओं की हायर अर्थोरिटी ने की जांच शुरू

 उच्चाधिकारियों की एक टीम बड़सर (Barsar) जलशक्ति विभाग (IPH Department) के द्वार जांच के लिए पंहुची है। बड़सर पहुंची हायर अर्थोरीटी की इस टीम ने अधिशाषी अभियंता को तलब किया है।
 | 
.

हमीरपुर ।  जलशक्ति विभाग के बड़सर (IPH Department Barsar) डिविजन में करोड़ों के बजट से स्वीकृत निर्माण योजनाओं में कोताही का मामले में संज्ञान लेते हुए हायर अर्थोरिटी ने जांच शुरू कर दी है। विभागीय सूत्रों की माने तो बुधबार को उच्चाधिकारियों की एक टीम बड़सर (Barsar) जलशक्ति विभाग (IPH Department) के द्वार जांच के लिए पंहुची है। बड़सर पहुंची हायर अर्थोरीटी की इस टीम ने अधिशाषी अभियंता को तलब किया है।


बड़सर जलशक्ति विभाग (Barsar IPH Department) व संबधित ठेकेदारों की कारगुजारी व निर्माण कार्यों में कोताही का मामला उजागर होने के बाद से ही हायर अर्थोरटी की टीम ने  दोनों निर्माण योजनाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाई थी, अब उसी रिपोर्ट के आधार पर हायर अर्थोरीटी की टीम बड़सर पंहुची है। जाँच टीम (Team) के बड़सर (Barsar) पहुंचने से जहां विभाग में हडकंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी ओर बड़सर  (Barsar) में जलशक्ति विभाग (IPH Department) की आला कुर्सी पर बैठे साहब, अब खुद को बचाने के लिए ठेकेदारों को अपने पक्ष में ब्यान देने के लिए दबाब बनाने की बात भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि उक्त साहब ने ठेकेदारों को बुलाकर जांच कमेटी के समक्ष अपने पक्ष में ब्यान देने का दबाब बनाया है। गौरतलब है कि जलशक्ति विभाग बड़सर (IPH Department Barsar) में स्वीकृत निर्माण योजनाओं पर करोड़ों रूपये खर्च किया जा रहा है, लेकिन विभागीय साहबों और ठेकेदार की सांठ गाँठ के चलते इन योजना के निर्माण में कोताही बरतने के आरोप स्थानीय जनता ने लगाये है।


सूत्रों के अनुसार जलशक्ति विभाग बड़सर (IPH Department Barsar) के अधीन करोड़ों रूपये खर्च कर एल डब्ल्यू एसएस दियोटसिद्ध ( LWSS Deotsidh) व चौकी बड़ाग्राम (Choki Badagram)  में निर्माण किया जा रहा है। इन दोनों ही योजनाओं को बनाने का उदेश्य क्षेत्र की हरिजन बस्तियों को पानी उपलब्ध करवाना है, लेकिन बिडंबना यह है कि निर्माण की अवधि समाप्त होने के बाबजूद भी अभी कार्य पूरा नहीं हो पाया है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने इन योजनाओं में ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री व विभागीय नियमावली के बाहर कार्य होने के आरोप लगाएं हैं। यहाँ तक कि वाटर टैंकों की बीयरिंग कैपेस्टी चेक सर्टिफिकेट पर भी सवाल उठे है। बताया जा रहा है कि जिस एजेंसी ने ये सर्टिफिकेट जारी किये है उसके रिकार्ड में सर्टिफिकेट इनरोल ही नहीं है।


उधर, जलशक्ति विभाग हमीरपुर एएससी विनोद ठाकुर (ASC Vinod Thakur) ने बताया कि बड़सर (Barsar) में जलशक्ति विभाग (IPH Department) पर निर्माण कार्यों में कोताही के आरोपों के बाद इस मामले की जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों योजनाओं का निरिक्षण करने के बाद बुधवार को बड़सर में अधिकारियों से जबाब तलब किया गया, पूरे मामले की जाँच जारी है।
 

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।