हमीरपुर । कोविड -19 महामारी के कई हानिकारक प्रभावों में सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव स्कूली छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है। शिक्षकों और छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना समय की आवश्यकता है, जिसको समझते हुए और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक्ट टू ट्रांसफॉर्म फाउंडेशन ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, चौरी की छात्राओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
सत्र का संचालन नैदानिक मनोवैज्ञानिक वैष्णवी वर्मा द्वारा किया गया। जिन्होंने तनाव, शरीर की छवि, साथियों के दबाव आदि जैसे छात्रों की मानसिक भलाई से संबंधित विभिन्न प्रमुख पहलुओं पर बात बच्चों को समझाई। उन्होंने निवारक देखभाल पर मार्गदर्शन प्रदान किया और छात्राओं को उनके डर और चिंताओं के बारे में परामर्श दिया।
स्कूल के प्रधानाचार्य, रजनीश रंगरा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि कोविड -19 महामारी के कारण भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक स्कूल बंद रहे हैं। कई छात्र अब इसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव से उबरने में असमर्थ हैं। इसलिए हमने इस कार्यशाला को आयोजित किया और मैं माननीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का आभारी हूं जो अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस तरह के विभिन्न कार्यक्रमों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
यह जानकारी भाजपा जिला मीडिया प्रभारी अंकुश दत्त शर्मा ने दी । उन्होंने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य की तरह, मानसिक स्वास्थ्य भी जीवन के हर चरण में, बचपन और किशोरावस्था से वयस्कता तक महत्वपूर्ण है। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, हमें छात्रों के लिए इस तरह के और अधिक संवेदीकरण कार्यक्रमों की आवश्यकता है। स्कूलों का बार-बार बंद होना और खुलना, छात्रों और शिक्षकों के लिए बहुत परेशान करने वाला अनुभव रहा है।
इससे न केवल बच्चों का तनाव और दुविधा बढ़ी है बल्कि उनका सामाजिक-भावनात्मक पक्ष भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का धन्यवाद व्यक्त करते हुए जिला मीडिया प्रभारी ने कहा कि उनके मार्गदर्शन में एक्ट टू ट्रांसफॉर्म फाउंडेशन द्वारा आयोजित की गई कार्यशाला से छात्राओं का मनोबल ऊंचा होगा।