HPSSC : जेओए आईटी 965 पेपर लीक, परीक्षा रद, सीक्रेसी ब्रांच की महिला अफसर रिश्वत लेते गिरफ्तार

कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय ब्रांच में कार्यरत वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद और उसके बेटे निखिल आजाद को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत की रकम ढाई लाख रुपये और हल किए प्रश्नपत्र के साथ गिरफ्तार किया गया है।  
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HPSSC HAMIRPUR

हमीरपुर ।   हिमाचल में अब जेओए  आईटी का पेपर लीक हो गया है, जिसके बाद परीक्षा को रद कर दिया गया है। इस मामले में शुक्रवार को विजिलेंस की टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक हमीरपुर जिला के रहने वाले‌ हैं। यह चार लाख रुपए में पेपर बेच रहे थे। विजिलेंस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर आरोपियों को पेपर बेचते हुए पकड़ा है। वहीं पूछताछ में एक आरोपी ने खुलासा किया है कि उसने भी पिछले साल पेपर खरीदकर परीक्षा पास की थी। इतना ही नहीं इनमें से एक आरोपी की मां हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग की कर्मचारी है। 

आरोपी युवक की मां आयोग की सीक्रेसी ब्रांच में लंबे समय से तैनात हैं। ऐसे में विजिलेंस की कार्रवाई में कई अहम खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है। जेओआईटी की परीक्षा रविवार को होनी थी। पेपर लीक होने के बाद आयोग ने पेपर को रद कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक उक्त महिला के दो बेटे भी किसी आयोग की मार्फत इसी के कार्यकाल में भर्ती हुए हैं। यह एक जेओए आईटी और दूसर किसी और पर भर्ती हुआ है। इनकी रिश्तेदारी में भी कई लोगों को इसी के कार्यकाल में चयनित किया गया है। यह महिला 2019 से इसी ब्रांच में हैं। मामले को लेकर कंट्रोलर ऑफ एग्जाम की भूमिका पर ही सवाल उठने लगे हैं।

बताते चलें कि  जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी (जेओए आईटी) पोस्ट कोड 965 का पेपर लीक हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक अभिलाष ने जेओए आईटी पेपरलीक के संबंध में विजिलेंस को सूचना दी। उसने विजिलेंस को संजय नाम के शख्स के बारे में बताया। संजय ने अभिलाष को 2.50 लाख रुपये में जेओए आईटी का प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाने की बात कही। जेओए आईटी पोस्ट कोड 965 की यह परीक्षा रविवार 25 दिसंबर को आयोजित होनी थी।   



विजिलेंस की टीम ने तथ्यों को जांचा और फिर सुनियोजित तरीके से अभिलाष को साथ लेकर जाल बिछाया। शुक्रवार को फिर आरोपी संजय ने अभिलाष को संपर्क किया और एनआईआईटी हमीरपुर के पास बुलाया। दोनों यहां मिले। इसके बाद आरोपी संजय अभिलाष को हमीरपुर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी ले गया।  उसके बाद यह दोनों हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय ब्रांच में कार्यरत वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद के घर पर पहुंचे।  यहां पर वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद और उसके बेटे निखिल आजाद को रिश्वत की रकम ढाई लाख रुपये और हल किए प्रश्नपत्र के साथ गिरफ्तार किया गया।  



विजिलेंस ने कर्मचारी चयन आयोग के हमीरपुर स्थित कार्यालय में डेरा डाला हुआ है। पेपर लीक और रिश्वत का मामला आयोग के कार्यालय से बाहर आया है। आज सुबह छह बजे प्रदेश भर के उपमंडल के लिए आयोग से टीमें रवाना हुई थीं। रिश्वत और पेपर लीक करने वाली वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद आज घुमारवीं गई हुई थी। उमा आजाद उपमंडल सुजानपुर की रहने वाली है और हमीरपुर में भी घर बनाया है। पिछले तीन वर्षों से चयन आयोग की गोपनीय ब्रांच में सेवाएं दे रही थी। अभी इस मामले में विजिलेंस की कार्रवाई जारी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजिलेंस रेणू शर्मा ने कहा कि विजिलेंस की कार्रवाई जारी है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक होगी।



जेओए आईटी की परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 476 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। 1,03,344 अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किए गए थे। कर्मचारी चयन आयोग ने मई 2022 में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी के 198 पदों के लिए आवदेन मांगे थे। अक्तूबर 2022 में 121 पद और जोड़े गए। अब यह भर्ती कुल 319 पद भरने के लिए आयोजित की जा रही थी। 

पुलिस ने महिला कर्मचारी के बेटों को किया डिटेन


सीक्रेसी ब्रांच में कंट्रोलर ऑफ एग्जाम यानी आयोग के सचिव सहित 2 अन्य लोग सदस्य रहते हैं। सीनियर असिस्टेंट यह महिला भी सीक्रेसी ब्रांच की ही सदस्य है। हर 1 परीक्षा का रिजल्ट बनाने के मामले में भी इसकी अहम भूमिका रहती है। क्योंकि सीक्रेसी इन्हीं के हवाले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी महिला के 2 बेटों को भी पुलिस ने डिटेन किया हुआ है, रिश्वत के पैसे किसके पास थे, इसका पता तो अभी बाद में चलेगा।

कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला


हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला सामने आया है। वर्ष 2002 में सत्ता परिवर्तन होते ही कांग्रेस के शासनकाल में भी यहां पर बड़ी कार्रवाई की थी। उसमें यह आयोग तब बोर्ड था। और उस समय पूरे दफ्तर को ही चीज कर दिया गया था। उस मामले में तत्कालीन चेयरमैन एसएम कटवाल को कोर्ट से सजा भी हो चुकी है। अब सत्ता परिवर्तन होते ही एक बार फिर फिर इस कार्रवाई ने आयोग की कार्यप्रणाली को मुकम्मल तौर पर कटघरे में खड़ा कर दिया है। जिस तरीके से सीक्रेसी में मौजूद महिला सिस्टम को चला रही है। क्या आयोग के किसी उच्च अधिकारी या इसके चेयरमैन के अलावा किसी अन्य सदस्य को जानकारी नहीं थी।

सोलन-कसौली में हुआ था सौदा


अटवाल ने बताया कि इन लोगों ने सोलन व कसौली के दो युवकों के साथ भी पेपर का सौदा किया था। उन्हें भी प्रश्नपत्र लेने के लिए बुलाया गया था। हमारी टीम ने इस ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को भी क्रैक कर लिया है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो टीम अभी जांच कर रही है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा कि जेओए  आईटी का पेपर कैसे लीक हुआ। साथ ही और कौन लोग इसमें संलिप्त हैं। 

स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की एडिशनल डीजी सतवंत अटवाल ने बताया कि यह धर पकड़ पूरी प्लानिंग के साथ की गई। विजिलेंस को सूत्रों से सूचना मिली थी कि जेओए आईटी का पेपर लीक हो गया है। इसे अंजाम देने वाले पेपर बेचने के लिए खरीददार तलाश रहे हैं। आरोपियों ने उनके सूत्र के साथ ढाई लाख रुपए में प्रश्नपत्र बेचने की डील की। ब्यूरो ने पूरा ट्रैपिंग प्लान बनाया और सोर्स को ढाई लाख रुपए लेकर प्रश्नपत्र खरीदने भेजा। इसी खरीद-फरोख्त के दौरान आरोपियों को पकड़ लिया गया। इनमें आयोग की महिला कर्मचारी के साथ उसका बेटा और एक अन्य शामिल है।

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