Drug Alert : हिमाचल में बनीं BP, खांसी, डायबिटीज, बुखार सहित 40 दवाओं के सैंपल फेल

हिमाचल के 25 दवा उद्योगों में निर्मित 40 दवा और इंजेक्शन सब-स्टैंडर्ड पाए गए हैं। इनमें से कई दवाएं अस्थमा, बुखार, डायबिटीज, हाई बीपी, एलर्जी, मिर्गी, खांसी सहित अन्य बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां शामिल हैं।
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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की जांच में हिमाचल प्रदेश में 25 दवा उद्योगों में निर्मित 40 दवा और इंजेक्शन सब-स्टैंडर्ड पाए गए हैं। इनमें से कई दवाएं अस्थमा, बुखार, डायबिटीज, हाई बीपी, एलर्जी, मिर्गी, खांसी, एंटीबायोटिक, ब्रोंकाइटिस, और गैस्ट्रिक के उपचार में इस्तेमाल होने वाली हैं, जो गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर पाई हैं। इसके अलावा, कैल्शियम सप्लीमेंट सहित मल्टी विटामिन भी जांच में फेल हो गए हैं। Himachal Pradesh CDSCO (Central Drugs Standard Control Organization) Drug Alert Sub-standard drugs Pharmaceutical industry Drug manufacturing Batch failure Alliance Biotech Heparin Sodium Injection Drug samples Drug quality Drug companies Drug control Drug batches Montelukast Sodium Levocetirizine Dihydrochloride Tablet Telmisartan Tablet Pregabalin Tablet Ciproheptadine HCL and Tricholine Citrate Syrup Sodium Valproate Tablet Amoxicillin Capsule Multivitamin Drug inspection Drug manufacturing units Regulatory actions

सोलन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की जांच में हिमाचल प्रदेश में 25 दवा उद्योगों में निर्मित 40 दवा और इंजेक्शन सब-स्टैंडर्ड पाए गए हैं। इनमें से कई दवाएं अस्थमा, बुखार, डायबिटीज, हाई बीपी, एलर्जी, मिर्गी, खांसी, एंटीबायोटिक, ब्रोंकाइटिस, और गैस्ट्रिक के उपचार में इस्तेमाल होने वाली हैं, जो गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर पाई हैं। इसके अलावा, कैल्शियम सप्लीमेंट सहित मल्टी विटामिन भी जांच में फेल हो गए हैं।

दिसंबर महीने में सीडीएससीओ ने एक ड्रग अलर्ट जारी किया था, जिसमें सामने आया कि हिमाचल प्रदेश में बनी दवाओं में से अधिकांश का निर्माण बद्दी क्षेत्र में हुआ है। इस जांच में बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, सोलन, कालाअंब, पावंटा साहिब, संसारपुर टैरेस इन स्थानों के दवा उद्योगों में सब-स्टैंडर्ड दवाएं बनाई गई हैं। इसके अलावा, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मुंबई, तेलंगाना, दिल्ली में भी दवा उद्योगों में निर्मित 38 दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं।

बद्दी स्थित एलायंस बायोटेक द्वारा निर्मित रक्त के थक्के के हेपरिन सोडियम इंजेक्शन के विभिन्न बैचों के आठ सैंपल भी फेल हुए हैं। झाड़माजरी स्थित कान्हा बायोजेनेटिक में निर्मित विटामिन डी 3 टैबलेट के पांच सैंपल भी जांच में फेल हो गए हैं। ड्रग अलर्ट में शामिल 25 दवा कंपनियां जांच के दायरे में हैं, जिनमें से कई कंपनियों में निर्मित दवाओं के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं।

देशभर में 78 दवाओं के सैंपल फेल

सीडीएससीओ ने दिसंबर में देशभर से 1008 दवाओं के सैंपल इकट्ठा किए थे, जिनमें से 78 दवाएं सब-स्टेंडर्ड पाई गईं, जबकि 930 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर थीं। इन सैंपलों की जांच हिमाचल, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, बद्दी, ऋषिकेश, गाजियाबाद, बंगलूरु, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, गाजियाबाद, अहमदाबाद, हैदराबाद, और दिल्ली में की गई थी। इसके बाद जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है।

हिमाचल में बनीं हैं 50 फीसदी दवाएं

सीडीएससीओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में सब-स्टेंडर्ड घोषित की गई दवाओं में से 50 प्रतिशत से अधिक का निर्माण हिमाचल की दवा कंपनियों में हुआ है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि सभी संबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संबंधित बैच का पूरा स्टॉक वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन उद्योगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है जिनके दवाएं बार-बार फेल हो रही हैं। कान्हा बायोजेनेटिक्स की दोनों इकाईयों को एक माह पहले विनिर्माण बंद करने के आदेश के बाद अब उन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

इन दवाओं के सैंपल हुए फेल

दिसंबर के ड्रग अलर्ट में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं मोंटेलुकास्ट सोडियम, लेवोसेटिरिजनि डाइहाइड्रोक्लोराइड टैबलेट, टेल्मिसर्टन टैबलेट, प्रीगाबलिन टैबलेट, साइप्रोहेप्टाडाइन एचसीएल और ट्राइकोलिन साइट्रेट सिरप, सोडियम वैलपोरेट टैबलेट, ए पीसिलीन कैप्सूल, एमोक्सिसिलिन ट्राइहाइड्रेट कैप्सूल, एस्कॉर्बिक एसिड + जिंक कैप्सूल, ट्रिप्सिन, ब्रोमेलैन और रूटोसाइड ट्राइहाइड्रेट टैबलेट, ए ब्रोक्सोल. हाइड्रोक्लोराइड, टरबुटालाइन सल्फेट, गुइफेनसिन और मेन्थॉल सिरप शामिल हैं।

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