चम्बा की हर पंचायत में पांच-पांच मिस्त्रियों को दिया जाएगा भूकंप रोधी निर्माण का प्रशिक्षण

भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जिला चम्बा में अब निर्माण के दौरान भी सावधानियां बरती जाएंगी। जिला चम्बा की हर पंचायत में पांच-पांच मिस्त्रियों को जोखिम प्रतिरोधी निर्माण के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। 

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बचत भवन चम्बा में सीबीआरआई रुड़की, हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की भूकंप प्रतिरोधी निर्माण पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू।

चम्बा। भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जिला चम्बा में अब निर्माण के दौरान भी सावधानियां बरती जाएंगी। जिला चम्बा की हर पंचायत में पांच-पांच मिस्त्रियों को जोखिम प्रतिरोधी निर्माण के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त चम्बा डीसी राणा ने दी। उन्होंने बताया कि जिला चम्बा भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आता है । ऐसे में भवन निर्माण से संबंधित सभी लोगों को रेट्रोफिटिंग जैसे कौशलों का होना आवश्यक है । उपायुक्त चम्बा डीसी राणा बुधवार को बचत भवन चम्बा में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की, हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकंप प्रतिरोधी निर्माण पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में बोल रहे थे। 

बचत भवन चम्बा में सीबीआरआई रुड़की, हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की भूकंप प्रतिरोधी निर्माण पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू।


उपायुक्त ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों द्वारा भूकंप प्रतिरोधी भवन निर्माण की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा नए भवनों के निर्माण को जोखिम प्रतिरोधी बनाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग द्वारा बनाए जाने वाले ओवर हेड टैंक का डिजाइन भी भूकंप रोधी होना चाहिए। प्रशिक्षण में लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, राष्ट्रीय उच्च मार्ग, ग्रामीण विकास , समग्र शिक्षा अभियान, नगर परिषद व नगर पंचायतों के अभियंताओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि चूंकि जिला चंबा भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आता है । ऐसे में भवन निर्माण से संबंधित सभी अभियंताओं में रेट्रोफिटिंग जैसे कौशलों का होना आवश्यक है ।

डीसी राणा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चलाई गई योजना के तहत जिले में हर पंचायत के पांच-पांच मिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें जोखिम प्रतिरोधी निर्माण के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया शमन कोष के तहत लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग से प्रपोजल मांगी गई है। राज्य आपदा प्रबंधन में इस कोष को पहली बार जोड़ा गया है। शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा अभियान की सहायता से एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के साथ बैठक के बाद कार्य योजना को अनुमति मिली है। इसके तहत लगभग जिले के 100 स्कूलों का रेट्रोफिटिंग और आंकलन के लिए प्रथम चरण में चयन किया है।

बचत भवन चम्बा में सीबीआरआई रुड़की, हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की भूकंप प्रतिरोधी निर्माण पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू।


उन्होंने जिला में स्कूलों के बनाए जा रहे भवनों में एनआईटी हमीरपुर द्वारा प्रमाणित स्टैंडर्ड डिजाइन का उपयोग करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त ने ग्रामीण विकास के अभियंताओं को सीस्मिक बैंड वाले भवनों का ही निर्माण करने के निर्देश दिए ताकि भूकंप की स्थिति में संभावित नुकसान को कम किया जा सके। प्रशिक्षण में प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद डॉ. एसएस रंधावा ने उपायुक्त का प्रशिक्षण कार्यशाला में स्वागत किया। हिमाचल की सामान्य और जिला चम्बा की जोखिम भेद्यता की भी जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की आर्किटेक्ट एसके नेगी ने की । इस दौरान डॉ. अजय चौरसिया सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट व वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी जलाज पराशर ने भी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।  
 

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