गरोला में कृषि विभाग के कार्यालय पर दो साल से लटका ताला

भरमौर। जनजातीय क्षेत्र भरमौर में कृषि विभाग का गरोला कार्यालय पिछले दो सालों से बंद पड़ा है। इससे इस कार्यालय के अंतर्गत आने वाली गरोला, उलांसा, सिन्यूर, चन्हौता आदि पंचायतों के लोगों को कृषि सम्बन्धी जानकारी से वंचित रहना पड़ रहा है। लोगों को औजार, बीजों और अन्य दवाइयों की सुविधा भी नहीं मिल पा
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गरोला में कृषि विभाग के कार्यालय पर दो साल से लटका ताला

भरमौर। जनजातीय क्षेत्र भरमौर में कृषि विभाग का गरोला कार्यालय पिछले दो सालों से बंद पड़ा है। इससे इस कार्यालय के अंतर्गत आने वाली गरोला, उलांसा, सिन्यूर, चन्हौता आदि पंचायतों के लोगों को कृषि सम्बन्धी जानकारी से वंचित रहना पड़ रहा है। लोगों को औजार, बीजों और अन्य दवाइयों की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।

 

 

गरोला उलांसा के पंचायत समिति सदस्य पवन शर्मा ने बताया कि सरकार प्रदेश में विकास का दम भर रही है। मगर इसकी हकीकत ही कुछ और है। उन्होंने कहा कि गरोला में कृषि विभाग ने कार्यालय खोल रखा है। मगर इस कार्यालय पर बीते दो वर्षों से ताला लटका हुआ है। गरोला के आसपास के लोगों की सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

 

 

बीडीसी सदस्य ने कहा कि कई बार लोग इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से बात कर चुके हैं। कई बार स्थानीय विधायक के समक्ष भी मुद्दा उठाया गया। मगर आज तक कोई समाधान नहीं हो सका है। लोगों को न तो कृषि के संबंध में जानकारी मिल पा रही है और न ही औजार, बीज और दवाइयां मिल पा रही हैं। इससे क्षेत्र के लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है।

 

 

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उन्होंने कहा कि दो साल से कार्यालय बंद होने से क्षेत्र के लोगों को कृषि संबंधी कार्य करवाने के लिए 20 किलोमीटर होली या फिर भरमौर जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि विभाग के गरोला कार्यालय में कर्मचारी नियुक्त नहीं कर पाई है। इसी कारण ताला लटका पड़ा है। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द कार्यालय में स्टाफ नियुक्त कर लोगों को सुविधा दी जाए।

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