युक्रेन में फंसे चम्बा जिला के 7 छात्र, अभिभावकों ने लगाई वापसी की गुहार

रूस और युक्रेन में युद्ध छिड़ चुका है। इसी बीच युक्रेन में सैकड़ों भारतीय नागरिक फंस गए हैं। इन भारतीय नागरिकों में जिला चम्बा के 7 युवा भी शामिल हैं।
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रूस और युक्रेन में युद्ध छिड़ चुका है। इसी बीच युक्रेन में सैकड़ों भारतीय नागरिक फंस गए हैं। इन भारतीय नागरिकों में जिला चम्बा के 7 युवा भी शामिल हैं।

चम्बा। रूस और युक्रेन में युद्ध छिड़ चुका है। इसी बीच युक्रेन में सैकड़ों भारतीय नागरिक फंस गए हैं। इन भारतीय नागरिकों में जिला चम्बा के 7 युवा भी शामिल हैं। ये युवा यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गए हुए थे। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के बाद हालात काफी बिगड़ गए हैं। कई लोग वहां से वापस लौट आए हैं, लेकिन कई अभी फंसे हुए हैं। इसके कारण युवाओं के अभिभावकों की चिंताएं बढ़ गई हैं और उनकी सकुशल वापसी का मांग कर रहे हैं। 

युक्रेन में फंसे युवाओं के अभिभावक ने वीरवार को डीसी एवं एसपी चम्बा से मुलाकार कर एक मांगपत्र सौंपा। इसमें उन्होंने बच्चों को सकुशल भारत वापस लाने की गुहार लगाई है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन में जिला चम्बा के कुल 11 युवा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें 4 वापस वतन लौट चुके हैं, लेकिन 7 युवा वहीं फंसे हुए हैं। उनकी बुकिंग 3 मार्च की है। कुछेक की अभी बुकिंग भी नहीं हो सकी है। ऐसे में अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी परेशान हैं। 


बताया जा रहा है कि पुलिस प्रशासन की ओर से यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले जिला चम्बा के छात्रों की सूची सरकार को भेजी जा चुकी है। सरकार ने सभी को सुरक्षित वापस लाने का आश्वासन भी दिया है। अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को नवम्बर, 2021 में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेजा था लेकिन युद्ध छिड़ने के बाद हालात बिगड़ने के कारण अब वह वहां फंस चुके हैं। उनका वहां से वापस अपने वतन लौटना चिंता का विषय बन गया है।


उन्होंने बताया कि कुछेक बच्चों ने टिकट तक बुक करवा रखी है लेकिन अब हवाई उड़ानों पर रोक लगने से वे स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं। इससे पहले भी पुलिस प्रशासन को बच्चों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई जा चुकी है। अब उन्हें अपने बच्चों की चिंता सताने लगी है। उन्होंने कहा कि दूरभाष और व्हाट्सएप्प के माध्यम से वे लगातार बच्चों के संपर्क में हैं। उन्होंने मांग की है कि जल्द उनके बच्चों को सकुशल भारत पहुंचाया जाए। 
 

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