पांगी घाटी में 10 करोड़ से स्थापित होंगी 400 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं

चम्बा जिले के पांगी उपमंडल में 400-400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए राज्य नोडल एजेंसी हिमऊर्जा को भूमि हस्तांतरित कर दी गई है।
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हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र सौर ऊर्जा (Solar power projects In Chamba) क्षेत्र में अग्रणी बनकर हरित ऊर्जा राज्य के लक्ष्य की प्राप्ति में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। चम्बा जिले के पांगी उपमंडल में 400-400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना से यह संभव हुआ है। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्य नोडल एजेंसी हिमऊर्जा को इन परियोजनाओं के लिए भूमि हस्तांतरित की गई है।  

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र सौर ऊर्जा (Solar power projects In Chamba) क्षेत्र में अग्रणी बनकर हरित ऊर्जा राज्य के लक्ष्य की प्राप्ति में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। चम्बा जिले के पांगी उपमंडल में 400-400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना से यह संभव हुआ है। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्य नोडल एजेंसी हिमऊर्जा को इन परियोजनाओं के लिए भूमि हस्तांतरित की गई है।  

हिमऊर्जा ने इन दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पांगी घाटी (Solar power projects In Pangi) के हिलौर और धारवास में एक-एक हेक्टेयर भूमि चिन्हित की है। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत की इन परियोजना के लिए एजेंसी ने विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमऊर्जा को इन दोनों सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।


मुख्यमंत्री (Cm Sukhvinder Singh Sukhu) का कहना है कि पांगी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सौर ऊर्जा आधारित ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थापित करने के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में प्रावधान किया गया है। यह परियोजना क्षेत्र के लोगों को खराब मौसम और भारी बर्फबारी में  निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पांगी के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 


प्रदेश सरकार द्वारा 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य (Solar power projects In Chamba) बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, पायलट आधार पर प्रत्येक जिले में दो पंचायतों को हरित पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को भी राज्य में 250 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश सरकार इसके लिए युवाओं को 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी जिससे रोजगार और स्वरोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे। इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा खरीदी जाएगी।

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