एक्शन में सुक्खू; कई कार्यालय डिनोटिफाई, जयराम कैबिनेट के 9 महीने के फैसलों की होगी समीक्षा

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पदभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने पहले दिन ही सख्त फैसले लेकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
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हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पदभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने पहले दिन ही सख्त फैसले लेकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। सीएम के निर्देशों पर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सोमवार देर रात आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें एक्सटेंशन और री-इम्प्लॉयमेंट वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवाओं को टर्मिनेट किया गया है।

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पदभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने पहले दिन ही सख्त फैसले लेकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। सीएम के निर्देशों पर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सोमवार देर रात आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें एक्सटेंशन और री-इम्प्लॉयमेंट वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवाओं को टर्मिनेट किया गया है।


आदेशों के मुताबिक, सरकारी मेडिकल कॉलेज को छोड़कर राज्य सरकार के सभी विभागों, बोर्ड और निगमों में एक्सटेंशन वाले लगभग 45 से ज्यादा अधिकारियों तथा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट कर दिया गया है। दरअसल, जयराम सरकार ने कथित तौर पर कुछ चहेते कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी पुन: रोजगार दिया है, लेकिन नई सरकार ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

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पूर्व कैबिनेट के 9 महीने के फैसले होंगे रिव्यू

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व जयराम सरकार के आखिरी 9 महीनों यानी 1 अप्रैल 2022 के बाद हुई कैबिनेट की सभी बैठकों के निर्णय की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। आरोप है कि पूर्व सरकार ने चुनावी साल में बिना स्टाफ और व्यवस्थागत सुविधाएं जुटाए जगह-जगह शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान खोल दिए थे।

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9 महीने में खोले गए कई कार्यालय डिनोटिफाई

चुनाव से पूर्व हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार ने कई पटवार सर्किल, सब तहसील, तहसील, एसडीएम कार्यालयों की खोलने की मंजूरी दी थी। जितने भी नए दफ्तरों को खोलने की मंजूरी दी गई थी, उन्हें डिनोटिफाई कर दिया गया है। साथ ही कहा गया कि डिनोटिफाई संस्थान की यदि कहीं जरूरत है तो इसको लेकर संबंधित विभाग फिर से कैबिनेट में प्रस्ताव लाए। उन प्रस्तावों पर सरकार पुन: विचार करेगी। 

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