Sai Hospital मामला : जांच टीम ने टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से मृत रेखा का रिकॉर्ड लेने के लिए शुरू की कार्यवाही
हमीरपुर । साईं अस्पताल हमीरपुर स्थित डुग्गा की कथित लापरवाही के कारण गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे 7 महीने के बच्चे की मौत की जांच करने सीएमओ द्वारा गठित जांच टीम नेे कार्यवाही तेज कर दी है। जांच टीम ने अब टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मृत रेखा का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के लिए पत्र लिखा है। परिजनों का कहना था कि साईं अस्पताल ने जो फाइल उन्हे दी थी वह फाइल टांडा मेडिकल कॉलेज की फाइल के साथ ही नत्थी कर दी गई थी। जांच टीम को जैसे ही टांडा मेडिकल कॉलेज से रिकार्ड उपलब्ध होगा , उसके तुरंत बाद अगली कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
इससे पहले पहली फरवरी को स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतका रेखा कुमारी के ससुराल बारीं मंदिर पहुंची। जांच टीम ने रेखा के पति नरेश तथा रेखा की देवरानी कविता के बयान कलमबंद किए। इसके अलावा जांच से जुड़े सभी दस्तावेजों को एकत्रित किया था। सीएमओ डॉक्टर आरके अग्निहोत्री द्वारा गठित कमेटी में बीएमओ गलोड़ डॉक्टर एसके गौतम, एमओएच डॉक्टर संजय जागोता, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कनिका , मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर अखिल तथा अन्य स्टाफ शामिल है। डीसी के निर्देश पर रेखा की मृत्यु के कारणों को जानने के लिए एसपी ऑफिस तथा सीएमओ को जांच के लिए कहा गया था। इस पर अब कार्यवाही शुरू हो गई है।
परिजनों की मांग
मृतक रेखा की बहन नीलम चौहान , पति नरेश कुमार तथा ससुर हेमराज चौहान ने मांग की है कि अस्पताल के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की जांच के साथ साथ पुलिस की जांच भी एक साथ शुरू हो। नरेश कुमार के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने तो जांच शुरू कर दी है तथा इस जांच से परिजन संतुष्ट हैं लेकिन उपायुक्त के आदेशों के अनुसार पुलिस की जांच एसपी कार्यालय से अभी शुरू नहीं हुई है।
क्या था मामला
मृतक गर्भवती महिला रेखा कुमारी पत्नी नरेश कुमार गांव व डाकघर बारीं मंदिर, तहसील टौणी देवी , जिला हमीरपुर की मौत की जांच के लिए ग्रामीणों तथा परिजनों ने हमीरपुर मुख्यालय पहुंच उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक को सारे मामले से अवगत करवाया थाा । उन्होंने साईं अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की थी। मृतक रेखा की बहन नीलम चौहान ने बताया था कि रेखा कुमारी 7 माह से गर्भवती थी तथा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए नियमित रूप से साईं अस्पताल हमीरपुर जाती थी।
सात माह की रिपोर्ट में साईं अस्पताल द्वारा रेखा तथा भ्रूण का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक बताया जाता रहा। । शिकायत के मुताबिक 15 जनवरी को रात 9 बजे साईं अस्पताल प्रबंधन ने एक इंजेक्शन लगाकर मरीज को मेडिकल कालेज अस्पताल टांडा ले जाने के फरमान दे दिए । करीब रात 11:45 बजे मेडिकल कालेज अस्पताल टांडा पहुंचे तथा करीब एक घंटे के टेस्ट के बाद बताया गया कि करीब 8 माह का भ्रूण पेट में ही मर चुका है और अब रेखा की जान को भी खतरा है। रात 2:30 बजे टांडा मेडिकल अस्पताल में रेखा ने दम तोड़ दिया था ।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे जांच टीम के सदस्य तथा एमओएच डॉक्टर संजय जागोता ने बताया कि प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। परिजनों के बयान रिकॉर्ड करने तथा आवश्यक दस्तावेज लिए जाने के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज को संबंधित रिकार्ड उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है।
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