PM मोदी की हिमाचल को सिर्फ शाबासी, खाली झोली के साथ उम्मीदें रह गईं अधूरी

भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के आठ साल पूरे होने पर हिमाचल में प्रधानमंत्री मोदी की रैली से जगी उम्मीदें अधूरी रही गईं। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शाबासी तो दी, लेकिन झोली खाली ही रहने दी।
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PM Modi In Shimla, PM Modi Shimla, Shimla Rally BJP भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के आठ साल पूरे होने पर हिमाचल में प्रधानमंत्री मोदी की रैली से जगी उम्मीदें अधूरी रही गईं। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शाबासी तो दी, लेकिन झोली खाली ही रहने दी। चुनावी साल में हिमाचल के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कोई घोषणा नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने रैली के बहाने सिर्फ अपनी सरकार की योजनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। वहीं, 70 साल के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। मंच से प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान योजना की राशि जारी करने के अलावा कोई बड़ी घोषणा नहीं की।

शिमला। भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के आठ साल पूरे होने पर हिमाचल में प्रधानमंत्री मोदी की रैली से जगी उम्मीदें अधूरी रही गईं। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शाबासी तो दी, लेकिन झोली खाली ही रहने दी। चुनावी साल में हिमाचल के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कोई घोषणा नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने रैली के बहाने सिर्फ अपनी सरकार की योजनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। वहीं, 70 साल के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। मंच से प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान योजना की राशि जारी करने के अलावा कोई बड़ी घोषणा नहीं की।

हिमाचल की राजधानी शिमला में हुई रैली में प्रधानमंत्री ने या तो अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं या फिर उन्होंने पुरानी सरकारों को ही कोसा। कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली। साथ ही देशभर के विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बात करके भी प्रधानमंत्री मोदी ने विकास पुरुष के रूप में अपनी एक छवि पेश करने की कोशिश की। उनका भाषण सब पुरानी योजनाओं से ही संबंधित रहा। हिमाचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ पुरानी यादों को ताजा किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को अपनी कर्मभूमि तो बताया पर कोई भी नया प्रोजेक्ट नहीं दिया।

केंद्र सरकार के आठ साल पूरे होने पर पहाड़ों की राजधानी शिमला में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय होने के बाद प्रदेशवासियों में कई उम्मीदें जगी थीं। हिमाचलियों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मोदी चुनावी साल में कुछ बड़ी घोषणाओं की सौगात देंगे। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के बावजूद पीएम ने सिर्फ मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाकर शाबासी ही दी। प्रदेश के लिए उन्होंने कोई भी घोषणा नहीं की। सीएम जयराम की पीठ थपथपाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इससे साफ हो गया है कि पार्टी आने वाला चुनाव उनके कंधों पर ही लड़ेगी।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पिछले 70 साल और 2014 के बाद के कार्यों की तुलना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से पहले तक देश में सिर्फ वोट बैंक की राजनीति हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित सरकारों ने हमेशा ही लोगों को वोट बैंक समझा, लेकिन 2014 के बाद यह ट्रेंड बदल दिया है। वहीं कांग्रेस पर हमलावर प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के वर्करों में भी नई ऊर्जा का संचार करने का प्रयास किया। हालांकि चुनावी वर्ष में कोई भी नई घोषणा न होने से भाजपा कार्यकर्ता मायूस भी हुए हैं। 

एक नजर में देखा जाए तो प्रधानमंत्री का हिमाचल दौरा सिर्फ अपनी सरकार के कार्यों का बखाने करने भर का रहा। चुनावी साल में नई घोष नई घोषणाओं की उम्मीद लगाए बैठे पहाड़ी प्रदेश के हाथ रैली से सिर्फ निराशा ही लगी है। हिमाचल भाजपा इस रैली को पार्टी के लिए ऑक्सीजन मान कर चल रही थी, लेकिन उसके हाथ मायूसी ही आई है। ऐसे में राजनीतिक पंडित कयास लगा रहे हैं कि प्रधानमंत्री की रैली से खाली हाथ रहने वाली जयराम सरकार मुद्दों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ जाएगी।

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