Himachal : चैत्र मास मेलों के दौरान ढोल नगाड़ों पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

दियोटसिद्ध मंदिर परिसर में लगने वाला लंगर श्रद्धालुओं के लिए खोला, खुले में लंगर लगाने पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
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हमीरपुर ।   उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में शुरू होने वाले चैत्र मास मेलों को दौरान मंदिर परिसर में ढोल नगाड़ों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। न्यास प्रशासन द्वारा जारी किए निर्देशों के बाद यदि कोई भी ढोल नगाड़े बजाता हुआ पकड़ा गया तो ऐसे में उक्त के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।


बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में हर वर्ष 14 मार्च से 13 अप्रैल तक चैत्र मास मेले लगते हैं। इन मेलों के दौरान प्रदेश के साथ पड़ोसी राज्यों के श्रद्धालु शाहतलाई से पवित्र गुफा तक ढोल नगाड़ों के साथ भारी मात्रा में पहुंचते थे। इसके चलते ढोल नगाड़ों से जहां एक तरफ  ध्वनि प्रदूषण होता था और साथ ही श्रद्धालुओं के झुंडों की वजह से दियोटसिद्ध आने वाले श्रद्धालुओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। यही कारण है कि न्यास प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण को मध्यनजर रखते हुए मंदिर परिसर में ढोल नगाड़ों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

वहीं न्यास प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेशों में ढोल नगाड़ों के साथ साथ खुले में लगाए जाने वाले लंगरों पर भी रोक लगा रखी है।  उल्लेखनीय है कि बाबा बालक नाथ की तपोस्थली शाहतलाई से दियोटसिद्ध तक दर्जनों की तादाद में बाबाजी के भक्त चैत्र मास मेलों के दौरान खुले में लंगर लगाते थे। बाबा बालक नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को इन लंगरों में ब्रेक फास्ट, दोपहर व रात्रि के भोजन की व्यवस्था की जाती थी।

लेकिन पिछले लगभग दो सालों से देश में फैली भयंकर कोरोना महामारी के चलते मंदिर न्यास द्वारा संचालित किए जा रहे लंगर के साथ साथ खुले में लगाए जा रहे लंगरों पर सरकार ने पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ था।   लेकिन वर्ष 2022 में 14 मार्च से शुरू होने वाले चैत्र मेलों के दौरान न्यास प्रशासन ने मंदिर परिसर में लगने वाले लंगर को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तो खोल दिया है, लेकिन खुले में लगने वाले लंगरों की न्यास प्रशासन द्वारा अभी तक किसी भी भक्त को लंगर लगाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है।


उधर कार्यकारी मंदिर अधिकारी सुभाष ठाकुर ने बताया कि चैत्र मास मेलों के दौरान मंदिर परिसर में ढोल नगाड़ों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा न्यास प्रशासन द्वारा अभी तक किसी भी भक्त को खुले में लंगर लगाने की अनुमति नहीं दी गई है।

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