महाक्विज से जन - जन तक पहुंचेंगी सरकारी योजनाएं : वीरेंद्र कंवर

कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा में किया किसानों-बागवानों पर आधारित तीसरे राउंड का शुभारंभ, बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने भी वर्चुअल माध्यम से किसानों को किया संबोधित।
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किसानों-बागवानों को संबोधित करते हुए वीरेंद्र कंवर

हमीरपुर  ।  ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, कृषि, पशु और मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि ”जनभागीदारी से सुशासन-हिमाचल का महाक्विज“ के माध्यम से प्रदेश और केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचेंगी तथा सभी पात्र लोग इनका भरपूर लाभ उठा सकेंगे। शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा में ”जनभागीदारी से सुशासन-हिमाचल का महाक्विज“ के राउंड-3 का उदघाटन अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों-बागवानों को संबोधित करते हुए वीरेंद्र कंवर ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित महाक्विज का तीसरा राउंड 18 जून तक चलेगा। महाक्विज के पहले राउंड में महिला सशक्तिकरण, दूसरे राउंड में उद्योग और तीसरे चरण में किसान-बागवानों के उत्थान पर फोकस किया जा रहा है।  वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के जीडीपी में आज भी कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 13.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में आज भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने साढे चार वर्षों के दौरान क्रांतिकारी कदम उठाए हैं।

प्राकृतिक खेती में आज हिमाचल देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। प्रदेश के एक लाख 70 हजार से अधिक किसान प्राकृतिक खेती जुड़ चुके हैं। इससे खेती की लागत में काफी कमी आई है और किसानों को आय भी ज्यादा हो रही है। किसानों की आय दोगुणा करने की दिशा में प्राकृतिक खेती बहुत बड़ा योगदान दे सकती है। कंवर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिमाचल की सराहना करते हुए केंद्रीय बजट में भी प्राकृतिक खेती के लिए 1500 करोड़ का प्रावधान किया है। अब हिमाचल के किसान अन्य राज्यों के किसानों को भी प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण देंगे।

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 कृषि मंत्री ने बताया कि युवाओं से आग्रह किया कि वे छोटी-छोटी नौकरियों के लिए शहरों का रुख करने के बजाय पारंपरिक खेती को अपनाएं। इससे उन्हें घर में ही स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे तथा किसान आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने रसायनमुक्त खेती करने और पारंपरिक बीजों के संरक्षण पर भी जोर दिया। कंवर ने बताया कि प्रदेश सरकार की पहल पर राज्य में हींग और केसर की खेती के प्रयोग सफल हुए हैं। इसी तर्ज पर अब दालचीनी की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

आईएचबीटी के सहयोग से किसानों को लगभग 40 हजार पौधे दिए जाएंगे। कंवर ने कहा कि दालचीनी की खेती प्रदेश के किसानों की तकदीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि जल से कृषि को बल योजना के तहत हमें पानी की एक-एक बूंद बचानी है और इस बूंद-बूंद को अपने खेत तक पहुंचाना है। कृषि मंत्री ने कहा कि भविष्य में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कैच द रेन अभियान के तहत वर्षा की एक-एक बूंद का संरक्षण भी आवश्यक है।


   कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े जलशक्ति, बागवानी, राजस्व और सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने भी किसानों-बागवानों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के कम उंचाई वाले क्षेत्रों में बागवानी एवं फल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार और एडीबी की मदद से 1825 करोड़ रुपये एचपी शिवा परियोजना आरंभ की गई है। इस परियोजना के प्रारंभिक चरण में विकसित किए गए 17 क्लस्टरों में फलदार पौधों के रोपण के बहुत ही उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसी सीजन में 400 हैक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा।

महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि एचपी शिवा प्रोजेक्ट में भूमि विकास और बाड़बंदी से लेकर गडढों, पौधों, सिंचाई, भंडारण और विपणन के लिए भी धनराशि का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग 8 हजार हैक्टेयर भूमि पर फलदार पौधे लगाने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बड़ी तेजी से कार्य कर रहा है।

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   इस अवसर पर वीरेंद्र कंवर ने स्वयं सहायता समूह मझोट, धरबियाल और अखिल स्वयं सहायता समूह को सब्जियों के भंडारण के लिए सब्जी कोटी भी भेंट कीं। आईसीआईसीआई के सहयोग से भेंट की गईं इन चलती-फिरती कोटियों में हरी सब्जियों का कई दिनों तक भंडारण किया जा सकता है। उन्होंने प्रगतिशील किसानों को पुरस्कृत भी किया।


 इससे पहले कृषि विभाग के निदेशक एनके धीमान ने मुख्य अतिथि, अन्य अतिथियों और सभी प्रतिभागी किसानों-बागवानों का स्वागत किया तथा महाक्विज के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कृषि विकास अधिकारी डॉ सोनिया मिन्हास और डॉ अंकुश ने किसानों-बागवानों को केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं से अवगत करवाया। जबकि, प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव साझा किए।  


 कार्यक्रम में एचआरटीसी के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी, नादौन भाजपा मंडल अध्यक्ष कैप्टन हरदयाल सिंह, किसान मोर्चा के हुकम सिंह बैंस, प्रभात चौधरी, अन्य पदाधिकारी, एसडीएम विजय धीमान, कृषि उपनिदेशक अतुल डोगरा, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. चमन लाल चौहान और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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महाक्विज में जीत सकते हैं 51 हजार रुपये तक का ईनाम


  ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे इस महाक्विज़ का शुभारंभ 11 मई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था। इसमें भाग लेने के इच्छुक लोगों को हिमाचल प्रदेश सरकार के पोर्टल माईगॉव हिमाचल पर रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। महाक्विज के कुल आठ राउंड होंगे। पहला राउंड संपन्न हो चुका है। दूसरा राउंड अभी जारी है जो 7 जून तक चलेगा। हर राउंड में अव्वल प्रदर्शन करने वाले एक हजार प्रतिभागियों को 1-1 हजार रुपये के नकद ईनाम मिलेंगे।

सभी राउंड खत्म होने के बाद प्रथम स्थान हासिल करने वाले विजेता को 51 हजार रुपये, दूसरा स्थान हासिल करने वाले को 21 हजार रुपये और तीसरे स्थान पर रहे प्रतिभागी को 11,000 रुपये बतौर ईनाम राशि मिलेगी। क्विज के हर राउंड में संबंधित विषय पर चल रही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़े 10 सवाल हिंदी या अंग्रेज़ी में पूछे जा रहे हैं। इन सवालों का जवाब ढाई मिनट में देना पड़ता है। इसके बाद क्विज का पेज बंद हो जाएगा।

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