Drone : हिमाचल में 10 किलोमीटर तक पांच से 10 किलो सामान पहुंचाएगा ड्रोन, छह कंपनियां सूचीबद्ध

कंपनियां प्रदेश में ड्रोन बेचने समेत सर्विस व मरम्मत और पे लोड डिलीवरी का काम भी करेंगी। सभी सूचीबद्ध कंपनियां ड्रोन का निर्माण करती हैं। अभी प्रदेश से बाहर ड्रोन का निर्माण किया जा रहा है।
 
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शिमला ।  हिमाचल प्रदेश में जल्द ही ड्रोन से दस किलोमीटर तक पांच से दस किलोग्राम का सामान पहुंचाने का काम शुरू होगा। हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन ने राज्य में ड्रोन सुविधाएं देने के लिए छह कंपनियों को सूचीबद्ध किया है। बारिश-बर्फबारी में संपर्क कटने वाले क्षेत्रों में ड्रोन से दवाइयों और राशन की भी सप्लाई की जाएगी। जमीन से 4000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन एक बार में 40 मिनट तक का सफर तय करेंगे।



 कंपनियां प्रदेश में ड्रोन बेचने समेत सर्विस व मरम्मत और पे लोड डिलीवरी का काम भी करेंगी। सभी सूचीबद्ध कंपनियां ड्रोन का निर्माण करती हैं। अभी प्रदेश से बाहर ड्रोन का निर्माण किया जा रहा है। ड्रोन को लेकर अच्छा रुझान रहने पर ये कंपनियां प्रदेश में भी निर्माण शुरू कर सकती हैं। फिलहाल ये कंपनियां ड्रोन सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। सरकारी विभाग या आम लोग इन्हें किराया चुकाकर सेवाएं ले सकेंगे। संबंधित कंपनी ही पायलट और ड्रोन का बंदोबस्त करेगी। प्रतिदिन के हिसाब से ये कंपनियां किराया वसूलेंगी।



कई कंपनियां पे लोड डिलीवरी का काम करेंगी। इसके तहत ड्रोन की मदद से खेतों और बगीचों में दवाएं स्प्रे की जा सकेंगी। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी ड्रोन काम करेगा। भू एवं राजस्व विभाग रिकॉर्ड तैयार करने में भी ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान दूरदराज केे क्षेत्रों में दवाएं और राशन भी ड्रोन की मदद से पहुंचाए जा सकेंगे। पुलिस, कृषि, वन, स्वास्थ्य, भू एवं राजस्व विभाग और जिला प्रशासन अपने कार्यों के लिए ड्रोन की मदद लेने को तैयार हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सीएचसी और पीएचसी तक दवाएं और मरीजों के सैंपल पहुंचाने के लिए ड्रोन की मदद लेने का फैसला लिया है।

ये हैं सूचीबद्ध कंपनियां


एस्टेरिया एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, चामुंडा कारपोरेशन, पारस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, राज कम्यूनिकेशन, स्काई एयर मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड और टेक इगल इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड।


  उधर  राज्य इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन प्रबंध निदेशक  मुकेश रेपसवा  ने बताया कि   देश भर में ड्रोन नीति को अधिसूचित करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है। प्रदेश में ड्रोन का विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल करने के लिए छह कंपनियों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। विभिन्न सरकारी विभाग और आम जनता ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए कारपोरेशन या कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं। सरकारी विभागों में ड्रोन को बतौर उत्पाद और सेवा के रूप में उपयोग में लाने के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ड्रोन की खरीद की दरें भी निर्धारित कर दी हैं।


 

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