केजरीवाल- 7 साल में 10 लाख को दिया है रोजगार, सिसोदिया- 1.78 लाख को ही नौकरी दे पाई सरकार
धर्मशाला। हिमाचल के चम्बी में अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उन्होंने 10 लाख को रोजगार दिया है। मगर सरकार के आंकड़े और दिल्ली के मुख्यमंत्री के दावे कुछ और ही कहते हैं। निजी क्षेत्र में दिया जाने वाले रोजगार का किसी भी सरकार को क्रेडिट नहीं लेना चाहिए। निजी क्षेत्र में अगर संस्थान ने नौकरी दी है, तो संस्थान पर निर्भर करता है। उसकी जरूरतों पर निर्भर करता है कि उसे कितने लोगों की आवश्यकता है। मान भी लिया जाए कि 8.12 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है, तो उन संस्थानों ने कोरोना काल के दौरान कितने लोगों से रोजगार छीना है, का आंकड़ा भी सामने रखना चाहिए।
आज से ठीक एक महीना पहले दिल्ली विधानसभा में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आम बजट (Delhi Budget) पेश किया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने बजट पेश करते हुए कहा था, ''आज मुझे खुशी हो रही कि 2022-2023 के लिए मैं 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश कर रहा हूं। दिल्ली में पिछले सात वर्ष में 1.78 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिलीं, जिनमें से 51,307 लोगों को स्थायी नौकरियां मिलीं। साल 2013 में हम सत्ता में आए थे। उससे पहले 9 सालों तक एक भी रोजगार नहीं दिया गया था।''
उन्होंने कहा था कि 1.78 लाख सरकारी रोजगार में 51307 पक्की सरकारी नौकरी, यूनिवर्सिटी में 2500 को रोजगार, हॉस्पिटल में 3000 को रोजगार, गेस्ट टीचर के रूप में 25 हजार को रोजगार, सैनिटेशन एंट सिक्यॉरिटी में 50 हजार को रोजगार दिया गया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार का लगातार आठवां बजट है और यह ‘रोजगार बजट’ है। उन्होंने कहा, ‘मैं रोजगार सृजन और लोगों को कोविड-19 के प्रभाव से राहत देने का एजेंडा लेकर आया हूं।’
मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद से दिल्ली में निजी क्षेत्र ने 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य टैक्स कलेक्शन नहीं बल्कि जॉब पैदा करना है। वर्तमान में दिल्ली के रिटेल बाजारों में करीब 3.50 लाख दुकानें हैं। हालांकि, ये दुकानें लगभग 7.50 लाख लोगों को रोजगार देती हैं। अगले 5 साल में 40 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही 2030 तक 9 करोड़ नई नौकरीयों की जरूरत पड़ेगी। दिल्ली के स्कूलों से हमने नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनाएंगे और इसके लिए बिज़नेस ब्लास्टर प्रोग्राम शुरू किया गया है।
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