यह है शिखर की ओर हिमाचलः घने जंगल में प्रसव, जच्चा-बच्चा अब चंडीगढ़ रैफर

सड़क सुविधा न होने के कारण चारपाई पर अस्पताल ले जाई जा रही बड़सर उपमंडल के पथल्यार पंचायत की गर्भवती ने घने जंगल में बेटे को जन्म दिया है।

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जंगल में बच्चे को दिया जन्म।

बड़सर। आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और सड़क सुविधाएं मुहैया करवाने का ढिंढोरा पीटते प्रदेश के नेता नहीं थकते हैं। मगर जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत हैं। जो कहानी आपको बताने जा रहे हैं, इसे स्वास्थ्य और सड़क सुविधाओं की वास्तविकता को दिखाती है। मामला जिला हमीरपुर के बड़सर उपमंडल का है। यहां एक गर्भवती महिला ने घने जंगल में बेटे को जन्म दिया। नवजात में स्वस्थ्य संबंधी किसी समस्या के चलते उन्हें हमीरपुर से चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया है।

 

हुआ यूं कि बड़सर उपमंडल के पथल्यार पंचायत के सुगल निवासी संतोष कुमार की पत्नी को नेहा प्रसव पीड़ा शुरू हुई। उन्होंने तुरंत ही बड़सर अस्पताल में डॉ. राकेश से बात की और वे नेहा को लेकर हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गए। इस बीच उन्होंने नेहा कि प्रसव पीड़ा की सूचना आशा वर्कर सुषमा को भी दे दी और वो उनके साथ हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गई। गांव तक बहन योग्य सड़क न होने के कारण सिंघवी गांव के अश्विनी, राधा कृष्ण, दीपू और पंकज ने  महिला को बेड पर लेटाकर कंधों पर उठाकर मुख्य सड़क तक ला रहे थे।

इस दौरान नेहा को तेजी से प्रसव पीड़ा होने लगी। आशा वर्कर भी साथ थी तो उन्होंने गांव की महिलाओं को बुलाया और प्रसव करवाया। महिला ने एक बेटे को जन्म दिया है। जंगल में प्रसव होने प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य एवं सड़क सुविधाएं देने का ढिंढोरा पीटने वाले नेताओं के लिए करारा तमाचा है। आशा वर्कर सुषमा शर्मा कहती हैं कि जब उसे सूचना मिली की महिला की तबीयत खराब है तो वह घर से गंतव्य स्थल के लिए निकली। रास्ते में उसने जंगल में ही महिला की डिलीवरी करवाई है। 

उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद युवाओं ने बेड पर लेटा कर महिला और नवजात को मुख्य सड़क तक पहुंचाया। यहां भी एंबुलेंस नहीं मिली तो निजी गाड़ी का सहारा लेना पड़ा। क्षेत्र के लोगों ने कहा कि गांव तक अगर सडक़ सुविधा होती तो ग्रामीणों को परेशान नहीं होना पड़ता। उधर, बीएमओ बड़सर एचआर कालिया ने बताया कि महिला ने घने जंगल में बेटे को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा को अस्पताल पहुंचाया गया है। जहां से नवजात को स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया है।   

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