हिमाचल की राजनीति में होगा बड़ा बदलाव, BJP-RSS ने बदली रणनीति
चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव होना तय है। इसमें कई मंत्रियों और विधायकों की टिकटें कटना भी लगभग तय माना जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा संगठन से जुड़े सूत्रों ने इस बात के साफ संकेत दे दिए हैं। चुनावी साल से पहले भाजपा और आरएसएस के आतंरिक सर्वे में पाया गया है कि बहुत से ऐसे मंत्री और विधायक हैं, जिनकी कार्यशैली से न तो जनता सुखी है और न ही संगठन। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी हित में बड़ा बदलाव किया जाएगा।
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आरएसएस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि प्रदेश की राजनीति में बदलाव तो होकर रहेगा। पुराने ढर्रे पर प्रदेश की राजनीति को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। प्रदेश में पार्टी और संगठन में ऐसे हजारों युवा हैं, जो राजनीति में उतने योग्य हैं और अपने क्षेत्र का नेतृत्व करने की क्षमता भी रखते हैं। जनता से मिले फीड़बैक में कई नेताओं की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। ऐसे में इन नेताओं को लंबे समय तक नहीं राजनीति में नहीं रखा जा सकता है। पार्टी को आगे बढ़ना है तो बदलाव करने समेत नए चेहरे आगामी विधानसभा चुनावों में उतरने पड़ेंगे।
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वहीं, भाजपा से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी इस बार बड़े स्तर पर बदलाव करेगी। शिक्षित, योग्य और लोगों के प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले व्यक्ति को ही चुनावी अखाड़े में उतारा जाएगा। ऐसा नहीं होगा कि परंपरागत व्यक्ति को ही विधानसभा में टिकट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को टिकट देने से पार्टी का कैडर वोटर भी नाराज होता है और वर्षों से पार्टी और संगठ के लिए समर्पित होकर कार्य करने वाले कार्यकर्ता भी। मगर किसी को भी नाराज नहीं किया जाएगा।
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जिस तरह की रणनीति पर आरएसएस और भाजपा संगठन काम कर रहा है, उससे साफ है कि प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा। कई मंत्रियों को इस बार किनारा करके नए लोगों को मौका दिया जा सकता है। खैर यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किन-किन नेताओं की इस बार टिकट कटती है और किन नए नेताओं को चुनावी अखाड़े में उतरा जाता है। मगर पार्टी के बीच इसको लेकर गंभीर मंथन चल रहा है। इससे कई वर्तमान मंत्रियों और विधायकों की नींद उड़ी हुई है।