HP Cabinet Expansion: कैबिनेट विस्तार का टालना राहु काल ही नहीं, यह है सबसे बड़ी वजह
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार का पहला विधानसभा सत्र संपन्न हो गया। इसके बाद फिर से सभी की नजरें कैबिनेट के विस्तार पर टिकी है। 8 जनवरी को खाली पड़े मंत्री पद के लिए शपथ होनी तय मानी जा रही थी, लेकिन शपथ के एक दिन पहले ही मंत्री पद के उम्मीदवारों की उम्मीदें टूट गई। हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार एक बार फिर से टल गया है।
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ऐसा इसीलिए क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दिल्ली में जानकारी देते हुए बताया कि अभी राहुकाल चल रहा है जिस वजह से कैबिनेट का विस्तार फिलहाल नहीं हो पाएगा। यानी अब लोहड़ी के बाद ही हिमाचल मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावनाएं हैं। अब सोचने वाली बात यह है कि क्या सच में राहु काल की वजह से कैबिनेट विस्तार को टाला गया है या फिर मंत्री बनने की होड़ की वजह से पार्टी में पनपी अंतर कलह को रोकने में असमर्थता।
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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह जरूर कहा है कि उन्होंने मंत्री पद के लिए 10 नामों को आगे भेज दिया है। उन्होंने नामों की सूची राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल को भेजा है। जैसे ही मंजूरी मिलती है तो उसके बाद ही हिमाचल में कैबिनेट का विस्तार होगा। वहीं, मंत्रिमंडल के विस्तार के टलने का एक कारण राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर 8 जनवरी 12 जनवरी तक छुट्टी जाना भी माना जा रहा है।
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इस वजह से भी उलझा है मामला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भले ही यह कह रहे हैं कि मंत्री पदों को लेकर किसी तरह की नाराजगी नहीं है। लेकिन सूत्रों की मानें तो शिमला और कांगड़ा की वजह से ही मामला उलझा पड़ा है । इन दोनों जिलों से ही मंत्री पद के ज्यादा दावेदार हैं, जिस वजह से आम सहमति नहीं बन पा रही है। शिमला से विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, रोहित ठाकुर और कुलदीप सिंह राठौर जैसे विधायक मंत्री पद की दौड़ में हैं।
सुक्खू कैबिनेट में चाहते हैं युवा चेहरे
कांगड़ा जिले से चंद्र कुमार, सुधीर शर्मा, रघुबीर सिंह बाली और केवल सिंह पठानिया भी मंत्री पद की चाह में हैं। इस समय सीएम सुक्खू के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि विधानसभा चुनावों में जीतकर आए कांग्रेस के 40 विधायकों में सबसे बड़ी संख्या कद्दावर नेताओं की है। ऐसे में हर नेता मंत्री के रूप में अपने आप को देखना चाहता है। मगर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही यह कह चुके हैं कि वह अपनी कैबिनेट में युवा चेहरों को चाहते हैं।