हिमाचलः सरकारी जमीन पर था अवैध कब्जा, महिला को पंचायत की प्रधानी से धोना पड़ा हाथ
एसडीएम सरकाघाट ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की सुनवाई करते हुए पंचायत प्रधान के चुनाव को रद्द कर दिया है।
मंडी। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के चलते विकास खंड गोपालपुर की बलद्वाड़ा पंचायत की महिला प्रधान को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है। एसडीएम सरकाघाट ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की सुनवाई करते हुए पंचायत प्रधान के चुनाव को रद्द कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः-अनुराग ठाकुर पर आप पर हमला, बोले- 'चौका' लगा दिया अब 'छक्के' की बारी...
गत वर्ष मार्च में हुए पंचायत प्रधानों के चुनाव में ज्ञानों देवी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद चुनाव हारी हंसा देवी ने एसडीएम कोर्ट में शिकायत देकर आरोप लगाया था कि प्रधान ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है और वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थी।
यह भी पढ़ेंः-जंगल में भड़की आग की चपेट में आया गांव, आठ घर जलकर राख
एसडीएम की अदालत ने दोनों पक्षों को समय देते हुए वास्तविक तथ्य उनके सामने रखने को कहा था, जिसमें हंसा देवी ने राजस्व रिकार्ड को पेश कर यह सिद्ध कर दिया कि ज्ञानो देवी द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है, जिसके बाद एसडीएम राहुल जैन की अदालत ने साक्ष्यों को सही मानते हुए पंचायत प्रधान को प्रधान पद के के लिए अयोग्य ठहराते हुए चुनाव को रद्द कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः-हिमाचल: AAP प्रदेश अध्यक्ष BJP में शामिल, सिसोदिया बोले- महिलाओं से करते थे गंदी बात
एसडीएम राहुल जैन की अदालत ने इन आदेशों की एक प्रति खंड विकास अधिकारी और जिलाधीश मंडी को भी उचित कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रेषित कर दी। उधर, पंचायत प्रधान ज्ञानो देवी का कहना है कि उन पर लगाये गए आरोप निराधार हैं और इस फैसले के विरोध में वह अदालत में अपील करेंगी।