हिमाचलः चुनावों से पहले भाजपा ने छोड़ा नए जिलों के गठन का शिगूफा
उपचुनावों में मिली हार के बाद भाजपा सतर्क (BJP Alart) हो गई है। डैमेज कंट्रोल और लोगों में पैठ बनाने के लिए सबसे बड़े जिला कांगड़ा में भाजपा नए जिलों (New District in Himachal) का गठन कर सकती है।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनावों (Himachal By-Election) में मिली हार के बाद भाजपा सतर्क (BJP Alart) हो गई है। डैमेज कंट्रोल और लोगों में पैठ बनाने के लिए एक नया पैंतरा अपनाने जा रही है। इसकी चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। चर्चाएं हैं कि हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में भाजपा नए जिलों (New District in Himachal) का गठन कर सकती है। विधानसभा चुनावों से करीब एक साल पहले ही भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर (Anti incumbency wave) का सामना करने के लिए सरकार कड़े और बड़े कदम उठाने के मूड में है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को धर्मशाला (Dharamshala) में राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि नए जिलों के निर्माण की मांग विभिन्न हिस्सों से आ रही है और हम इन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे। सूत्रों ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा नूरपुर (Nurpur), पालमपुर (Palampur) और देहरा (Dehra) को जिला का दर्जा देने की मांग के बीच पार्टी अगले साल की शुरुआत में सत्ता विरोधी लहर (Anti incumbency wave) को मात देने के लिए आगे बढ़ सकती है।
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा नए जिले बनाने पर विचार कर रही है। 2002 में तत्कालीन सीएम प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में जिलों के गठन की तरफ कदम सरकार ने कदम बढ़ाया था। इसके तहत देहरा, नूरपुर व पालमपुर में एडीसी तैनात किए थे, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस ने एडीएम को हटा दिया था। इस दौरान कांग्रेस और यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इसका विरोध किए जाने के बाद इस कदम को हटा दिया गया था। भाजपा ने कांगड़ा की सियासत को पाटने के लिए चार संगठनात्मक जिले बनाए हैं- देहरा, नूरपुर, पालमपुर और कांगड़ा।
नए जिला बनाने पर क्या होगी स्थिति
अगर हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा को तोड़कर नए जिलों का गठन किया जाता है तो पालमपुर जिला में विधानसभा क्षेत्र पालमपुर, सुलह, जयसिंहपुर और बैजनाथ शामिल किया जाएगा। नूरपुर जिला में नूरपुर, इंदौरा, ज्वाली और फतेहपुर शामिल होंगे। कांगड़ा में कांगड़ा, धर्मशाला, शाहपुर, और नगरोटा बगवां शामिल होंगे, जबकि देहरा जिला बनता है तो इसमें देहरा, जसवां-परागपुर और ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र की शामिल किया जाएगा। गौर करने वाली बात है कि वर्ष 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा नेताओं ने कांगड़ा को चार और शिमला और मंडी को दो-दो जिलों में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा था।