सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिझड़ी खुद बीमार, कैसे होगा मरीजों का उपचार

चार साल पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अस्पताल बनने के बाद भी अभी तक ना तो एक्स-रे की सुविधा है और ना ही एंबुलेंस। अस्पताल को लैब असिस्टेंट भी नहीं मिल सका। 
 

हमीरपुर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिझड़ी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिले चार वर्ष हो चुके हैं, जबकि हालात पहले से भी खराब हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए नया भवन बनना प्रस्तावित है, लेकिन चिन्हित भूमि पर दस के आसपास पेड़ हैं जिनकी अनुमति पर पेंच फंसा हुआ है। हैरानी की बात है कि ढटवाल का कोई भी नेतागण जनता से जुड़े इस मुद्दे को हल करवाने में रुचि नहीं दिखा रहा है। चुनावों के वक्त ढटवाल क्षेत्र से जनप्रतिनिधियों की जमात खड़ी हो जाती है। हर बार भोली भाली जनता को लोकलुभावन वादों से छला जाता है।


बताते चलें कि बिझड़ी अस्पताल में पिछले चार वर्षों से जनता को न तो एक्स-रे की सुविधा, न ही एंबुलेंस की सुविधा और न ही लैब असिस्टेंट मिल सका है। इसके अलावा एक क्लास फोर व एक सफाई कर्मचारी का पद भी खाली पड़ा है। हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश को टीबी मुक्त करवाने की मुहिम चलाई जा रही है, लेकिन सवाल यह है कि जब सरकारी अस्पतालों में लैब असिस्टेंट व एक्स-रे के पद खाली होंगे और जब टेस्ट ही नहीं हो पाएंगे, तो प्रदेश को टीवी मुक्त कैसे किया जा सकता है।

हैरानी की बात यह है कि बिझड़ी अस्पताल को जनता के लिए 24 घंटे चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करवाने की बात स्वास्थ्य विभाग व सरकार द्वारा की जाती है। लेकिन ढटवाल के इस केंद्र में बसे अस्पताल के लिए अभी तक एक एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है। अस्पताल के कर्मचारियों के लिए जो भवन बना है, उसमें तीन इंच मोटी दरारें है। जिसमें कभी कभी सांप तक घुस जाते हैं, लेकिन चार वर्षों में यहां रिपेयर ही नहीं करवाई जा सकी है।

सब कुछ जानते हुए स्वास्थ्य विभाग व सरकार तो चिरनिद्रा में लीन है ही साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा भी लोगों की समझ से परे हो चली है। क्षेत्रवासियों ने प्रदेश सरकार व स्वस्थ्य विभाग से बिझड़ी अस्पताल में मूलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग है ताकि यहां पर आने वाले मरीजों को सुविधा मिल सकें।


उधर सीएमओ हमीरपुर आरके अग्निहोत्री नें बताया कि सरकार को समस्या बारे सूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी वेकेंट पोस्ट्स के बारे हर महीने रिपोर्ट बनाकर भेजी जाती है। उन्होंने कहा कि जहां तक नई बिल्डिंग का सवाल है, तो उसकी फाइल बनाकर शिमला भेज दी गई है व जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा।