Big Breaking: हिमाचल 65 हजार से ज्यादा राशन कार्ड रद्द, चेक करें आपका तो नहीं हुआ
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश भर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से देश को नागरिकों को सस्ती दरों पर राशन मुहैया करवाया जाता है। नागरिकों को राशन मुहैया करवाने के लिए सरकार ने सभी योग्य परिवारों के राशन कार्ड बनाए हैं। अब वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत अब नागरिक कहीं भी उचित मूल्य की दुकान से राशन ले सकते हैं। मगर इसी बीच सबसे बड़ी खामी यह पाई गई कि कई लोगों ने फर्जी राशन कार्ड बना लिए थे। वर्ष 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में लगभग 2 लाख राशन कार्ड फर्जी थे। इसकी खुलासा राशन कार्डों को डिजिटाइज करते वक्त हुआ था।
यह भी पढ़ेंः-हिमाचलः मात्र एक साल स्कूल गई 8 साल की काशवी, अब सीधे 8वीं में पढ़ेगी
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने फर्जी और विभिन्न अनियमितताओं के कारण राशन कार्डों को रद्द करना शुरू कर दिया है। इसके तहत देशभर में लगभग 4.28 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। यह राशन कार्ड वर्ष 2014 से लेकर 2021 तक रद्द किए गए हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में भी 65,694 राशन कार्डों को रद्द किया गया है। बुधवार को उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि देशभर में 4.28 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। इन राशन कार्ड को फर्जी अथवा अन्य अनियमितताओं के कारण रद्द किया गया है।
यह भी फढ़ेंः-वीरभद्र सिंह का विकल्प ढूंढने में नाकाम रही हिमाचल कांग्रेस
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA) के तहत अन्य विषयों के साथ-साथ लाभार्थियों का समावेशन और बहिष्करण संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके अलावा, NFSA के तहत लाभार्थियों को जोड़ना अथवा बाहर करना राज्यों द्वारा विकसित पात्रता मानदंड के अनुसार चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है। इसके परिणाम स्वरूप, NFSA के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) सुधारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन का लाभ उठाना, राशन कार्डों/लाभार्थियों के डाटा का डिजिटलीकरण, डी-डुप्लीकेशन प्रक्रिया, स्थायी प्रवास जानकारी, मृत्यु, अपात्र/डुप्लिकेट/फर्जी राशन कार्डों की पहचान करना आदि कार्य पूरे किए जाते हैं।
यह भी पढ़ेंः-अवसरवादियों से सावधान रहे आप तो हिमाचल की सत्ता का रास्ता साफ !
हिमाचल में कब कितने राशन कार्ड रद्द किए गए | |
---|---|
वर्ष | राशन कार्ड रद्द किए |
2014 | 235 |
2015 | - |
2016 | 1,148 |
2017 | 172 |
2018 | 56,858 |
2019 | 367 |
2020 | 4,376 |
2021 | 2538 |
यह भी पढ़ेंः-जून माह तक पूरा करना होगा हिमाचल के पहले आधुनिक पशु औषधालय का निर्माण, निर्देश जारी
आधार अधिनियम 2016 की धारा-7 के अनुसार विभाग द्वारा दिनांक 08/02/2017 को जारी अधिसूचना (समय-समय पर संशोधित) के तहत सभी राज्यों को लाभार्थियों की आधार संख्या को उनके राशन कार्ड के साथ जोड़ने के लिए समय-सीमा 31/03/2022 तक बढ़ा दी गई है। तब तक, विभाग द्वारा दिनांक 24/10/2017 और 08/11/2018 को जारी पत्रों के मौजूदा निर्देशों के अनुसार, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि किसी भी वास्तविक एनएफएसए लाभार्थी/परिवार को केवल आधार कार्ड के अभाव में; या नेटवर्क/कनेक्टिविटी/लिंकिंग संबंधित मुद्दों, लाभार्थी के खराब बायोमेट्रिक्स अथवा किसी अन्य तकनीकी कारणों से बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण की विफलता के कारण सब्सिडी वाले खाद्यान्न के उसके अधिकार का राशन कोटा प्राप्त करने से वंचित नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः-हिमाचल में सीएम के गढ़ में रोड शो करेगी आप, जानें मंडी पर फोकस की वजह
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी सलाह दी गई थी कि वितरण के समय उचित दर दुकान डीलरों द्वारा खाद्यान्नों का सही और पारदर्शी वजन सुनिश्चित करने के लिए सभी उचित दर दुकानों पर ईपीओएस उपकरणों के साथ इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन/स्केल को एकीकृत किया जाए। वर्तमान में, विभाग द्वारा आवंटित मासिक खाद्यान्न का लगभग 90% हिस्सा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ईपीओएस लेनदेन के माध्यम से वितरित किया जाता है।