रूस-युक्रेन युद्ध के बीच हिमाचल के इस परिवार की हो रही जमकर प्रशंसा, पढ़िए रिपोर्ट

युक्रेन और रूस में जंग जारी है। जंग के कारण हजारों लोगों को वहां से पलायन करना पड़ा है। युक्रेन में जंग के बीच फंसे हजारों भारतीय छात्र वापस लौट आए हैं।
 

युक्रेन और रूस में जंग जारी है। जंग के कारण हजारों लोगों को वहां से पलायन करना पड़ा है। युक्रेन में जंग के बीच फंसे हजारों भारतीय छात्र वापस लौट आए हैं। सरकार की ओर से मुफ्त में ही युक्रेन से यहां पहुंचाया जा रहा है। इसी बीच हिमाचल से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसको जानकार आप भी सरकार और व्यक्ति पर गर्व महसूस करेंगे। 

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की अंकिता भी युक्रेन में फंसी हुईं थी। वह सुरक्षित अपने घर पहुंच गई है। बेटी के घर पहुंचने पर माता-पिता ने राहत की सांस ली है। उन्होंने केक काटकर घर में बेटी का स्वागत किया। इसके साथ उन्होंने पीएम व सीएम का आभार जताया और प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में हजारों रुपए दान किए।

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युक्रेन से लौटी अंकिता ठाकुर हमीरपुर जिला के गांव चुनहाल की रहने वाली है। वह युक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, लेकिन रूस-युक्रेन युद्ध के कारण बीच में उसे पढ़ाई छोड़कर वापस अपने घर आना पड़ा है। वह सोमवार को देर शाम को अपने घर चुनहाल पहुंची। बेहद तनावपूर्ण माहौल से वापस घर लौटे अंकिता का परिजनों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

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घर पहुंचने पर बेटी की आरती उतारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक परिजनों ने अंकिता की आरती उतारी तथा पूजा केक काटकर खुशी भी जाहिर की। बेटी के लौटने पर सरकार के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए अंकिता के पिता डॉ. जेबी ठाकुर ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 21000 रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष में 11000 रुपये का चेक भेजा है। अंकिता और उसके परिजनों के इस कदम की पूरे देश में चर्चा हो रही है।

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पिता हैं आयुर्वेदिक विभाग में चिकित्सक
मेडिकल स्टूडेंट अंकिता के पिता डॉ. जेबी सिंह आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र झलेड़ी में बतौर चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं और उनकी माता अनीता देवी गृहिणी हैं। डॉ जेबी सिंह ने कहा कि बेटी के घर लौटने से वह खुश हैं। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों को सुरक्षित लाने की कोशिशों में लगी हुई है, तो हमारा फर्ज भी बनता है कि देश के लिए कुछ योगदान दें।