अंब्रेला स्कीम को मंजूरी: 26275 करोड़ रुपये खर्च होंगे पुलिस के आधुनिकीकरण पर 

सरकार ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिए पुलिस फोर्स आधुनिकीकीकरण (एमपीएफ) नामक अंब्रेला स्कीम को जारी रखने को मंजूरी दी है। यह पैसा अगले पांच साल में देश के सभी हिस्सों में खर्च होगा।
 

केंद्र सरकार ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (Modernisation of Police Forces) की 26,275 करोड़ रुपये की वृहद् (अम्ब्रेला) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। सरकार ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिए पुलिस फोर्स आधुनिकीकीकरण (Modernisation of Police Forces) नामक अंब्रेला स्कीम को जारी रखने को मंजूरी दी है। यह पैसा अगले पांच साल में देश के सभी हिस्सों में खर्च होगा।

26,275 करोड़ रुपये के कुल केंद्रीय वित्तीय परिव्यय के साथ, इस योजना में सभी प्रासंगिक उप-योजनाएं शामिल हैं, जो आधुनिकीकरण और सुधार में योगदान करती हैं। आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, पुलिस द्वारा आधुनिक तकनीक अपनाने, राज्यों में मादक पदार्थों के नियंत्रण पर काम कर रही एजेंसियों और आपराधिक न्यायिक प्रणाली को पुख्ता रखने के लिए मजबूत फोरेंसिक सेटअप तैयार करने में पर भी पैसा खर्च किया जाएगा। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, इसमें जम्मू-कश्मीर व पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा पर खर्च, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नई बटालियन तैयार करने और नई फोरेंसिक लैब व जांच के उपकरण विकसित करने जैसे काम शामिल हैं। सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस को आधुनिक बनाने और कार्यशैली में सुधार पर भी काम होगा।


 
योजना की मुख्य विशेषताएं हैं:

  1. योजना के तहत; आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, पुलिस द्वारा आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने, मादक पदार्थों पर नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता और देश में एक मजबूत फोरेंसिक व्यवस्था विकसित करके आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के प्रावधान किये गए हैं।
  2. राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना के लिए केंद्रीय परिव्यय के रूप में 4,846 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं।
  3. संसाधनों के आधुनिकीकरण के माध्यम से विज्ञान-आधारित और समय पर जांच में सहायता के लिए उच्च गुणवत्तायुक्त फोरेंसिक विज्ञान सुविधाओं का विकास करना, जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा स्वतंत्र रूप से संचालित हों। फोरेंसिक क्षमताओं के आधुनिकीकरण के लिए 2,080.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय योजना को मंजूरी दी गई है।
  4. केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर, उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 18,839 करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय निर्धारित किया गया है।
  5. वामपंथी उग्रवाद(एलडब्ल्यूई) का मुकाबला करने के लिए 'राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना' के कार्यान्वयन से, एलडब्ल्यूई हिंसा की घटनाओं में भारी कमी आई है। इस उपलब्धि को आगे बढ़ाने के लिए, 8,689 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ एलडब्ल्यूई से संबंधित छह योजनाओं को मंजूरी दी गई है। बेहतर स्थिति को और मजबूती देने के लिए इन योजनाओं में अधिकांश एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों और अन्य सम्बंधित जिलों की विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) को शामिल किया गया है।
  6. भारतीय रिजर्व बटालियनों/विशेष भारतीय रिजर्व बटालियनों की स्थापना के लिए 350 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय को मंजूरी दी गई है।
  7. 50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना,'मादक पदार्थ नियंत्रण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता' को जारी रखा गया है।