धर्मशाला बस अड्डा से जुड़ेगा जीएस बाली के नाम, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने की घोषणा
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में तत्कालीन वीरभद्र सरकार में परिवहन मंत्री रहे गुरमुख सिंह बाली के नाम पर अब धर्मशाला बस अड्डे का नाम रखा जाएगा। 2021 में बीमारी के कारण उनका निधन हो गया था। हर साल उनके जन्मदिन पर उनके गृह विधानसभा क्षेत्र नगरोटा बगवां में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसी कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने गुरमुख सिंह बाली से जुड़ी यह बड़ी घोषणा की।
यह भी पढ़ें ः- नगरोटा क्षेत्र में युवाओं, बच्चों के लिए विकसित होंगे खेल मैदान और चिल्ड्रन पार्क : आरएस बाली
गुरमुख सिंह बाली की गिनती न सिर्फ कांगड़ा बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के बड़े नेताओं में होती रही है। उनका राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव था। मौजूदा समय में उनके बेटे रघुबीर सिंह बाली नगरोटा बगवां से विधायक हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में उन्हें पर्यटन निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया है और कैबिनेट रैंक देकर पिता गुरमुख सिंह बाली का सम्मान रखा गया है।
यह भी पढ़ें ः- हिमाचल में मिले यूरेनियम के भंडार, राज्य के विकास और परमाणु ऊर्जा के लिए नई संभावनाएं
67 साल की उम्र में निधन
गुरमुख सिंह बाली का जन्म 27 जुलाई 1954 को हुआ था और 67 साल की उम्र में असफल किडनी ट्रांसप्लांट के बाद 30 अक्टूबर 2021 को दिल्ली एम्स में उनका निधन हो गया। उन्होंने 1998 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 2003, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव भी जीते। 2017 में वह भारतीय जनता पार्टी के अरुण कुमार से हार गए थे।
यह भी पढ़ें ः-हिमाचल हाईकोर्ट का सख्त आदेश, पर्यटकों को साथ लाना होगा गार्बेज बैग, नहीं तो एंट्री को न
'जीवित होते, तो संभवत: मुख्यमंत्री बनते बाली'
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर गुरमुख सिंह बाली जीवित होते, तो कांग्रेस के बहुमत की स्थिति में वह मुख्यमंत्री बनने के सबसे प्रबल दावेदारों में शामिल होते। हालांकि, कांग्रेस के बहुमत की स्थिति में सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने। सुक्खू भी गुरमुख सिंह बाली के नजदीकी नेताओं में शामिल रहे हैं। अगर बाली मुख्यमंत्री बनते, तो वे शांता कुमार के बाद राज्य के दूसरे और कांग्रेस से पहले ब्राह्मण मुख्यमंत्री होते।