हिमाचल हाईकोर्ट का सख्त आदेश, पर्यटकों को साथ लाना होगा गार्बेज बैग, नहीं तो एंट्री को न
हिमाचल प्रदेश की ठंडी और खूबसूरत वादियों का मजा लेने आ रहे पर्यटकों के लिए एक नया नियम लागू किया गया है। अब अपनी गाड़ी में कपड़ों के बैग के अलावा गार्बेज बैग रखना भी अनिवार्य होगा। यह फैसला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किया है। आदेश के अनुसार, राज्य में प्रवेश करने के लिए प्रत्येक पर्यटक को गार्बेज बैग रखना अनिवार्य होगा, जिससे वे अपने कचरे को वापस ले जा सकें।
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हिमाचल प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, जिससे पर्यावरण पर भारी दबाव पड़ता है। कचरे की समस्या को देखते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुशील कुकरेजा की बेंच ने यह आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य में पर्यावरणीय वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है। इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी पर्यटकों के लिए वाहनों में डस्टबिन या गार्बेज बैग रखना अनिवार्य कर दिया था।
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सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट चार्ज और ग्रीन टैक्स
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मार्च 2024 में एक सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को पर्यटकों पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट चार्ज लगाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने सरकार से कुल्लू, मनाली, सिस्सु और कोकसर में टूरिस्ट पर लगाए गए ग्रीन टैक्स का ऑडिट करने के लिए भी कहा है। इसके अलावा, राज्य में कचरा प्रबंधन के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाने और म्युनिसिपल वेस्ट मैनेजमेंट कॉरपोरेशन की स्थापना करने का आदेश दिया है।
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पर्यटन का हिमाचल की अर्थव्यवस्था में योगदान
पर्यटन हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हर साल औसतन डेढ़ करोड़ पर्यटक हिमाचल आते हैं, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। शिमला, मनाली, कुल्लू, धर्मशाला और मैक्लोडगंज जैसे प्रमुख स्थलों पर गर्मियों की छुट्टियों और नए साल के स्वागत के लिए भारी भीड़ होती है। धार्मिक पर्यटन भी हिमाचल के लिए एक बड़ा आकर्षण है। पिछले दस वर्षों में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, लेकिन इसके साथ ही पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी बढ़ी हैं।