दो दिवसीय बैंकिंग हड़ताल से लेनदेन ठप, सरकारी कामकाज भी बाधित 

केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ, 12 सूत्री मांगों को लेकर दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं सैकड़ों स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बैंक में हड़ताल रही।
 

टीम। केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ, 12 सूत्री मांगों को लेकर दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं सैकड़ों स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देशभर के करोड़ों कामगार, कर्मचारी एवं अधिकारियों ने 28 और 29 मार्च, को देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लिया। इसी कड़ी में बैंकों की यूनियनों AIBEA, AIBOA, BEFI ने भी इस हड़ताल को समर्थन देते हुए इस हड़ताल में बड़ चढ़ कर भाग लिया। दो दिनों की हड़ताल में हिमाचल प्रदेश में अधिकांश बैंक बंद रहे।

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AIBOA और AIPNBOF से संबंधित संगठन पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राज्य उपमहासचिव एवं हमीरपुर मंडल सचिव प्रदीप कौंडल ने बताया कि इस हड़ताल का मकसद अर्द्ध सरकारी उपक्रमों जैसे पब्लिक सेक्टर बैंक, टेलीकॉम उपक्रम, बीमा कंपनी, रेलवे, तेल उपक्रमों में सरकार का निजीकरण हेतु दबाव, पुरानी पेंशन की बहाली, 05 दिन की बैंकिंग लागू करना,बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टी, पेंशन और महंगाई भत्ते में विसंगतियों को लेकर संगठन की तरफ से सरकार को ये संदेश देना था कि अगर सरकार और IBA ने अगर जल्दी ही इन मांगों को नही माना तो बैंक संगठनों को मजबूरन इस संघर्ष को और तेज करना पड़ेगा।

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पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के हमीरपुर मंडल अध्यक्ष जसपाल सिंह सभी बैंक यूनियन को एकजुट होकर सरकार के इस तानाशाही रवैए का विरोध करने की अपील की और सभी बैंक कर्मचारियों का इस हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए धन्यवाद किया।

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