GS Bali के प्रयासों से हिमाचल बना था इलेक्ट्रिक बसें चलाने वाला पहला राज्य

21 सितंबर 2017 को तत्कालीन Transport Minister GS Bali ने कुल्लू से रोहतांग (Kullu To Rohtang) के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा (electric bus Service) की शुरूआत की थी।
 

धर्मशाला। आज पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। हर कोई इससे परेशान हैं, लेकिन हिमाचल को लोगों से इससे निजात दिलाने की दिशा में जीएस बाली (GS bali) ने वर्ष 2017 में ही शुरूआत कर दी थी। हिमाचल में आज इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, तो वे सिर्फ जीएस बाली की दूरगामी सोच के कारण। बाली जानते थे कि पेट्रो पदार्थों पर लंबे समय तक निर्भर नहीं रहा जा सकता है, ऐसे में उन्होंने सार्वजनिक परिवहन के लिए HRTC के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी थीं। इलेक्ट्रिक बसों को पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए कारगर हैं।

हिमाचल प्रदेश 21 सितंबर 2017 को देश में इलेक्ट्रिक बस (electric bus) चलाने वाला पहला राज्य बन गया था। तत्कालीन परिवहन मंत्री जीएस बाली (Transport Minister GS Bali) ने कुल्लू से रोहतांग (Kullu To Rohtang) के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा (electric bus Service) की शुरूआत की थी। हिमाचल में इलेक्ट्रिक बस (electric bus) को हिम तरंग (Him Tarang) नाम दिया गया है। जीएस बाली ने कहा था कि इलेक्ट्रिक बस को लेकर पॉलिसी लाई जाएगी। जिसमें रूट समेत अन्य चीजें तय की जाएगी। 

बाली की घोषणा के करीब तीन साल बाद सितंबर 2021 में हिमाचल परिवहन विभाग ने ई व्हीकल पॉलिसी का प्रारूप तैयार कर सरकार को भेज दिया है। पॉलिसी में विभाग ने इलेक्ट्रिकल गाड़ियों में बाहरी राज्यों के अनुसार सबसिडी देने की सिफारिश की है। बाहरी राज्यों दिल्ली, गुजरात व पश्चिम बंगाल में डेढ़ से दो लाख रुपए तक की सबसिडी दी जा रही है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में भी इन राज्यों के बार सबसिडी इलेक्ट्रिकल गाड़ियों की खरीद पर ग्राहकों को दी जा सकती है। ऐसे में अब इस पॉलिसी को सरकार के पास अनुमति को भेजा गया है। सरकार की अनुमति के बाद प्रदेश में ई-व्हीकल पॉलिसी को लागू किया जा सकता है।