हिमाचल के निजी अस्पतालों में आयुष्मान और हिमकेयर योजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

हिमाचल में निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना के नाम पर फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। ईडी की जांच में कांगड़ा और ऊना सहित प्रदेश के कई निजी अस्पतालों में गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है।

 

हिमाचल प्रदेश में निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान भारत योजना और हिमकेयर योजना के नाम पर फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में कांगड़ा और ऊना जिलों सहित प्रदेश के कई निजी अस्पतालों में गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है।

 

31 जुलाई को ईडी ने हिमाचल के कई जिलों के निजी अस्पतालों में छापेमारी की थी। इनमें कांगड़ा जिले में कांग्रेस के एक विधायक के परिसर और प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी के अस्पताल पर भी कार्रवाई की गई। ईडी ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY), मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (Himcare) और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों के दस्तावेज कब्जे में लिए थे।

ईडी की जांच में सामने आया है कि कुछ निजी अस्पतालों में ऐसे लोगों के नाम आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गए थे, जो कभी भी इलाज के लिए अस्पताल आए ही नहीं थे। इनके नाम से फर्जी बिल बनाकर रकम निकाली गई। जांच में बांके बिहारी अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, फोर्टिस अस्पताल और श्री हरिहर अस्पताल में आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा पाया गया।

संदिग्ध लेनदेन और फर्जी कार्ड

ईडी ने बयान में कहा कि 23 हजार मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन हुआ है। जांच में 373 फर्जी आयुष्मान कार्डों की भी पहचान की गई, जिनमें सरकार से 40.68 लाख रुपये का दावा किया गया था। ईडी ने कहा है कि रजनीश कुमार और पूजा धीमान जैसे नाम शामिल हैं, जिन्होंने सत्यापन के दौरान ऐसे किसी भी आयुष्मान कार्ड के होने से इनकार किया।

संपत्तियों और दस्तावेजों की जब्ती

ईडी ने 31 जुलाई को तलाशी में 88 लाख रुपये नकद, 4 बैंक लॉकर, 140 बैंक खाते, और 16 डिजिटल डिवाइस (जिनमें मोबाइल फोन/आईपैड, हार्ड डिस्क, और पेन ड्राइव शामिल हैं) जब्त किए थे। इनमें आयुष्मान, हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों की जानकारी थी। जब्त किए गए दस्तावेजों में 21 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन सामने आया है।

ईडी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अब तक आयुष्मान योजना के कथित उल्लंघन के लिए 8937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। इस मामले में अब तक की जांच में लगभग 25 करोड़ रुपये की अपराध आय शामिल है।