Ropeways In Chamba: भरमौर और पांगी में दो रोपवे, केंद्र से मिले 1738 करोड़ रुपये

भरमौर से भरमाणी रोपवे के निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये और किलाड़ से साच पास के लिए 1618 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
 

भरमौर। हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की शिवनगरी भरमौर में धर्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और मणिमहेश यात्रियों की सुविधा के लिए रोपवे का निर्माण किया जाएगा। जल्द ही रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने भरमौर-भरमाणी रोपवे के निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी है। इसके साथ ही रोपवे के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) और रज्जू मार्ग एवं तीव्र परिवहन प्रणाली विकास निगम लिमिटेड (RTDC) हिमाचल प्रदेश के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने भरमौर-भरमाणी रोपवे के निर्माण की संभावनाएं तलाशने के लिए विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम ने निरीक्षण भी कर लिया था। छह फरवरी को सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि हिमाचल सरकार ने केन्द्र को वित्तपोषण के लिए चार रोपवे भी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को भेजे हैं। इनमें से चम्बा जिले के भरमौर से भरमाणी माता मन्दिर तक 120 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले रोपवे के अलावा कांगड़ा जिले में 605 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला पालमपुर-थातरी-चौगान, कुल्लू में 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला बिजली महादेव और सिरमौर के शिरगुल महादेव मन्दिर से चूड़धार तक रोपवे शामिल थे। 


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हिमाचल प्रदेश में सात नए रोपवे बनेंगे

जिला चम्बा में भरमौर से भरमाणी माता मंदिर तक रोपवे के अलावा एक और रोपवे को मंजूरी दी गई है। यह रोपवे पांगी घाटी के लिए है। पांगी घाटी के मुख्यालय किलाड़ को साच पास से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 20.4 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा। किलाड़-साच पास रोपवे के लिए केंद्र सरकार ने 1618 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। यह जानकारी केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट करके दी है।चम्बा के दो रोपवे के अलावा पालमपुर-थातरी-चौगान रोपवे, बिजली महादेव और सिरमौर के शिरगुल महादेव मन्दिर से चूड़धार, हिमानी से चामुंडा, लुहणू-बंदला में रोपवे निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है। 

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भरमाणी के दर्शन बिना मणिमहेश यात्रा अधूरी

गौर रहे कि पवित्र मणिमहेश यात्रा को लेकर मान्यता है कि माता भरमाणी के दर्शन के बिना मणिमहेश यात्रा सफल नहीं हो सकती है। ऐसे में मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालु सर्वप्रथम माता भरमाणी के दर्शन करने और मंदिर परिसर में बने तालाब में स्नान करने के बाद ही कठिन मणिमहेश यात्रा का आगाज करते हैं। ऐसे में मणिमहेश यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में पहुंचने वाले लोगों को भरमौर से माता भरमाणी मंदिर तक जीप योग्य सड़क बनी है। लेकिन सड़क तंग होने से अक्सर यहां पर जाम लगने की समस्या बनी रहती है।

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बाड़ी से वाया मलकौता गांव होते हुए भरमाणी माता मंदिर तक पैदल रास्ता है। लेकिन, रास्ते के बीच में किसी प्रकार की सुविधा यात्रियों को नहीं मिलती है। ऐसे में लंबे समय से मांग की जा रही थी कि भरमौर के प्रसिद्ध भरमाणी माता मंदिर के लिए रोप-वे बनाया जाए। रमणीय स्थल पर बसे माता के मंदिर के लिए नयनादेवी और मनसा देवी की तर्ज पर रोप-वे बनाने की मांग कई मर्तबा की जा चुकी है। हालांकि अब यह मांग पूरी होती दिख रही है, लेकिन रोपवे का काम कब शुरू होगा और कब पूरा होगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल सीएम ने कहा कि इसकी डीपीआर तैयार कर ली गई है।