Budget 2024 : टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए बजट में आ सकता है नया टैक्स स्लैब

Budget 2024: सरकार ने मिडिल क्लास फैमिली को टैक्स में कटौती के मामले में कुछ राहत देने के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। टैक्स पेयर्स को न्यू रिलीफ देकर नए टैक्स सिस्टम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार के भीतर चर्चा शुरू हो गई है।
 

Budget 2024 : सरकार ने मिडिल क्लास फैमिली को टैक्स में कटौती के मामले में कुछ राहत देने के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। टैक्स पेयर्स को न्यू रिलीफ देकर नए टैक्स सिस्टम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार के भीतर चर्चा शुरू हो गई है। आगामी बजट 2024 में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत की उम्मीद है, क्योंकि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है। इस नए प्रस्तावित टैक्स स्लैब का उद्देश्य नागरिकों को वित्तीय बोझ से राहत देना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

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ET Now की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नए टैक्स सिस्टम के तहत एक नया टैक्स स्लैब पेश किए जाने की संभावना है। प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स के साथ-साथ 15 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक इनकम वाले टैक्सपेयर्स को कम टैक्स के रूप में रिलीफ मिलने की उम्मीद है। आयकर विभाग और वित्त मंत्रालय ने संभावित नए टैक्स स्लैब के तहत निम्नलिखित बदलावों पर विचार किया है:

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5 लाख रुपये तक की आय : इस आय वर्ग को पूरी तरह से टैक्स मुक्त किया जा सकता है, जिससे निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।

5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय : इस आय वर्ग के लिए टैक्स दर को घटाकर 10% किया जा सकता है। इससे मध्यम आय वर्ग को भी राहत मिलेगी।

10 लाख से 20 लाख रुपये तक की आय : इस वर्ग के लिए टैक्स दर को घटाकर 15% किया जा सकता है। वर्तमान में यह दर 20% है।

20 लाख से 50 लाख रुपये तक की आय : इस आय वर्ग के लिए टैक्स दर को 20% किया जा सकता है, जबकि वर्तमान में यह दर 30% है।

50 लाख रुपये से अधिक की आय : उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दर को 25% किया जा सकता है।

 

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आर्थिक प्रभाव और सरकार का दृष्टिकोण

इस नए टैक्स स्लैब से न केवल व्यक्तिगत करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि यह उपभोग और बचत को भी बढ़ावा देगा। इससे घरेलू मांग में वृद्धि होने की संभावना है, जो आर्थिक विकास के लिए फायदेमंद हो सकती है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि नए टैक्स स्लैब का उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना और कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। सरकार का मानना है कि यह कदम कर अनुपालन को बढ़ावा देगा और करदाताओं की संख्या में वृद्धि करेगा।