रोहतांग जाने की चाह वालों के लिए खुशखबरी, पर्यटकों को परमिट के झंझट से मुक्ति
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, वहीं हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी की खुशखबरी और स्वच्छ हवा ने सैलानियों की भीड़ बढ़ा दी है।
मनाली। एक तरफ जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, वहीं हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी की खुशखबरी और स्वच्छ हवा ने सैलानियों की भीड़ बढ़ा दी है। प्रदूषण से बचने के लिए मैदानी राज्यों के लोग बड़ी संख्या में पहाड़ों का रुख कर रहे हैं, जिससे मनाली, शिमला और कसौली जैसे पर्यटन स्थलों पर रौनक लौट आई है।
करीब 13,050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा में हुई ताज़ा बर्फबारी के बाद पर्यटन विकास निगम (HPTDC) ने सैलानियों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। निगम ने पहली बार रोहतांग दर्रा के लिए एक नई ट्रैवलर सेवा शुरू कर दी है, जो वाया कोकसर और अटल टनल होकर पर्यटकों को बर्फ में मस्ती करने का मौका देगी।
मनाली से चलकर यह ट्रैवलर अब ग्रांफू, कोकसर, अटल टनल, रोहतांग और सोलंगनाला होकर वापस मनाली पहुंचेगा। सुविधा शुल्क के रूप में किराया 700 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये प्रति सवारी कर दिया गया है। निगम रोहतांग में बर्फ में मस्ती के लिए सैलानियों को लगभग दो घंटे का समय दे रहा है।
रोहतांग जाने वालों के लिए सबसे बड़ी राहत
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशानुसार रोहतांग जाने के लिए परमिट लेना ज़रूरी होता है, लेकिन निगम की यह ट्रैवलर सेवा शुरू होने से पर्यटकों को परमिट लेने के लंबे झंझट से भी राहत मिल गई है। HPTDC मनाली के अधिकारी तेजा सिंह राणा ने बताया कि एक अन्य ट्रैवलर मनाली से सिस्सू के बीच 500 रुपये प्रति सवारी पर भी चल रहा है। दोनों ट्रैवलर सुबह 10 बजे मनाली से रवाना होते हैं और शाम 5 से 6 बजे तक वापस लौटते हैं।
होटलों में बढ़ी ऑक्यूपैंसी, कसौली-चायल में 90% बुकिंग
दिल्ली-एनसीआर सहित मैदानी राज्यों में बढ़ते वायु प्रदूषण से परेशान होकर लोग साफ हवा की तलाश में हिमाचल पहुँच रहे हैं। वीकेंड पर शिमला, मनाली, धर्मशाला, कुफरी, कसौली और चायल जैसे स्थलों पर भीड़ उमड़ पड़ी है शिमला और मनाली के होटलों में ऑक्यूपैंसी 50 से 60 फीसदी तक पहुंच गई है।
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हाई डिमांड: कसौली और चायल में स्थिति सबसे ज़्यादा बेहतर है, जहां 80 से 90 फीसदी कमरे बुक चल रहे हैं। धर्मशाला-मैक्लाडगंज में भी 40 से 50 फीसदी कमरे बुक हैं।