सुधीर शर्मा का कांग्रेस पर बड़ा आरोप; बोले, पार्टी नेता ने कुछ ताकतों को दी मेरी सुपारी

कांग्रेस के अयोग्य घोषित बागी धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मुझे रास्ते से हटाने के लिए पार्टी के भीतर ही किसी नेता ने कुछ ताकतों को सुपारी तक दे दी थी। 
 

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh News) में मची सियासी उथल-पुथल अभी तक शांत नहीं हो पाई है। बागी विधायक अभी भी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। अब कांग्रेस के अयोग्य घोषित बागी धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मुझे रास्ते से हटाने के लिए पार्टी के भीतर ही किसी नेता ने कुछ ताकतों को सुपारी तक दे दी थी। 

बुधवार को उन्होंने (Sudhir Sharma) भागवत गीता में एक श्लोक है जिसका भावार्थ "अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना। अन्याय से लड़ना आपका कर्तव्य है।" से पोस्ट की शुरुआत की और लंबे चौड़ी कहानी लिखी। उन्होंने एक जगह जाकर लिखा, "जब लगातार मुझे राजनीतिक तौर पर जलील किया जा रहा था। विकास के मामले में इलाके की अनदेखी की जा रही थी। मेरे जैसे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को नीचा दिखाने के लिए घिनौनी हरकतें की जा रही थी।" 

सुधीर शर्मा ने आगे लिखा, "यहां तक कि मुझे रास्ते से हटाने के लिए पार्टी के भीतर ही किसी नेता ने कुछ ताकतों को सुपारी तक दे दी थी तो फिर खामोश कैसे बैठ जा सकता था.. हाईकमान की आंख पर पट्टी और प्रदेश के सत्ताधीश मित्र मंडली से घिरकर जब तानाशाह बन बैठे हों तो कायरों की तरह हम भीगी बिल्ली बनकर जनता के भरोसे को नहीं तोड़ सकते। पहाड़ के लोगों के साथ अन्याय होता नहीं देख सकते। किसी को प्रदेश हित गिरवी रखते नहीं देख सकते। सड़क पर धरना लगाए बैठे युवाओं की पीड़ा नहीं देख सकते।" 

 


उन्होंने आगे लिखा, "हमारे सब्र का आखिर कितना इम्तिहान लिया जाना था। हमने कई बार कड़वे घूंट भरे। विषपान भी किया, लेकिन अंतत: हमारी अंतरात्मा और गीता के श्लोक ने हमें अन्याय का प्रतिकार करने के लिए खुलकर मैदान में आने के लिए प्रेरित किया और हमने जो कदम उठाया है, उस पर हमें नाज है... कहीं दूर-दूर तक कोई पछतावा नहीं है बल्कि इस फैसले के पीछे हिमाचल में एक नई रोशनी की आमद का स्वागत करना है। एक नई सवेर इंतजार में है और हिमाचल के नवनिर्माण के लिए पूरे दुगने जोश से डट जाना है।"