बजट पूर्व परामर्श बैठक में सीएम जयराम ने उठाए हिमाचल के ये मुद्दे

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वीरवार को नई दिल्ली में केंद्रीय बजट 2022-23 के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानमंडल के साथ) के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक की अध्यक्षता की।
 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वीरवार को नई दिल्ली में केंद्रीय बजट 2022-23 के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानमंडल के साथ) के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानमंडल के साथ) मुख्यमंत्रियों, उप-मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों, मंत्रियों और केंद्र तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।


केंद्रीय वित्त सचिव ने विचार-विमर्श में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और इस विशेष परामर्श बैठक के महत्व के बारे में जानकारी दी। अधिकांश प्रतिभागियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री को महामारी के सबसे खराब महीनों के दौरान अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय रूप से समर्थन देने, ऋण लेने की सीमा बढ़ाने, राज्यों को बैक टू बैक ऋण प्रदान करने और पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। 


प्रतिभागियों ने बजट भाषण में शामिल करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को कई सुझाव भी दिए। वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2022-23 के लिए प्रतिभागियों को उनके विचार और सुझावों के लिए धन्यवाद दिया और प्रत्येक प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया।



हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परामर्श बैठक में सेब पर आयात शुल्क का मुद्दा उठाया और इसे 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त मंडी जिला में चिन्हित भूमि का ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे निर्माण परियोजना को आगामी केंद्रीय बजट में शामिल करने, और वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा की सुविधा को अगले तीन वर्ष तक जारी रखने का आग्रह किया।


मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बैठक में औद्योगिक विकास योजना-2017 को अगले 5 वर्षों तक जारी रखने की भी मांग रखी। साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों और पुलों के रखरखाव व मरम्मत के लिए विशेष अनुदान प्रदान करने का आग्रह किया। इसके अलावा वेज एंड मीन्स एडवांसिज की सीमा को जारी रखने का भी आग्रह केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष किया।