दिल्ली का मुगल गार्डन बना इतिहास, आज 'अमृत उद्यान' का उद्घाटन करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 

अब राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के प्रतिष्ठित मुगल गार्डन को अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के अवसर पर मुगल गार्डन (Mughal gardens) का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ (Amrit Udyan) कर दिया गया है।
 

नई दिल्ली। अब राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के प्रतिष्ठित मुगल गार्डन को अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के अवसर पर मुगल गार्डन (Mughal gardens) का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ (Amrit Udyan) कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) आज रविवार 11 बजे ‘अमृत उद्यान’ का औपचारिक उद्घाटन करेंगी। अमृत उद्यान 31 जनवरी से 26 मार्च तक जनता के लिए खुला रहेगा। बहरहाल इस नाम बदलने पर सियासत भी तेज हो गई है।


समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने कहा कि देश के इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है। फिर भी इतिहास मिटाया नहीं जा सकता, इतिहास लिखा नहीं जाता, रचा जाता है। हमारे यहां टीपू सुल्तान के नाम पर एक मैदान था, इन्होंने सत्ता में आते ही सबसे पहले मैदान का नाम बदला। टीपू सुल्तान तो देश को बचाने के लिए सबसे आगे थे, ऐसी मिसाल देश में कहीं मिलती नहीं है। 

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उधर, पश्चिम बंगाल में भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मुगलों ने न जाने कितने हिंदुओं का कत्ल किया, कितने मंदिरों को नष्ट किया। केवल मुगल गार्डन ही नहीं बल्कि पूरे देश से इनका नाम हटा देना चाहिए। अधिकारी ने कहा कि BJP की सरकार बंगाल में आएगी तो एक हफ्ते में अंग्रेजों और मुगलों का नाम हटा देगी।


भाजपा नेताओं ने किया स्वागत

BJP के कई नेताओं ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ करने के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है। वहीं विपक्षी दलों ने सरकार को सलाह दी कि वह नाम बदलने के बजाय नौकरियां बढ़ाने और महंगाई को काबू करने पर ध्यान केंद्रित करे। कांग्रेस ने नाम बदलने पर आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस और भाकपा ने इस कदम को खारिज किया और वाम दल ने इसे ‘इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास’ करार दिया।

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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया कि ‘राष्ट्रपति भवन में प्रतिष्ठित उद्यान का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ करने के लिए माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का धन्यवाद।’ उन्होंने कहा कि ‘यह नया नाम न केवल एक और औपनिवेशिक पहचान को समाप्त करने का प्रतीक है, बल्कि अमृत काल के लिए भारत की आकांक्षाओं को भी दर्शाता है।’ 

स्वागत, स्वागत, स्वागत...

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ‘अमृत उद्यान’ की नई पट्टिका का वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए ट्वीट किया ‘स्वागत, स्वागत, स्वागत।’ भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि ‘अमृत काल में गुलामी की मानसिकता से बाहर आने की दिशा में मोदी सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा।’

भाजपा सांसद पूनम महाजन ने कहा कि ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान करने का फैसला वास्तव में ऐतिहासिक है जो हमारे देश की आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान आया है। सरकार ने पिछले साल दिल्ली के प्रतिष्ठित ‘राजपथ’ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया था। केंद्र का कहना है कि इन चीजों के नाम में बदलाव औपनिवेशिक मानसिकता के निशान को हटाने का प्रयास है।’