Interim budget 2024 : टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं पर एक करोड़ करदाताओं को फायदा

वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में एलान कर दिया है कि वर्ष 1962 से जितने पुराने करों से जुड़े विवादित मामले चले आ रहे हैं उसके साथ वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 25 हजार रुपये तक के विवादित मामलों को वापस लिया जाएगा।
 

वेब डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने वीरवार को मोदी सरकार का अंतरिम और अंतित बजट पेश किया। इसी साल लोकसभा चुनाव होंगे, इसलिए इस बार केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया है। 2024 के आम चुनाव के बाद सरकार अपने इस विजन को आगे बढ़ाने का काम शुरू करेगी। इस दौरान वित्त मंत्री ने किस तरह के नए टैक्स का ऐलान नहीं किया है, लेकिन फिर भी एक करोड़ करदाताओं को फायदा मिलेगा।

वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में एलान कर दिया है कि वर्ष 1962 से जितने पुराने करों से जुड़े विवादित मामले चले आ रहे हैं उसके साथ वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 25 हजार रुपये तक के विवादित मामलों को वापस लिया जाएगा। आए जानते हैं टैक्सेशन से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब।

प्रत्यक्ष कर मांगों का वापसी:

  • विवादित मामलों से जुड़े 25,000 रुपये तक के पुराने करों के मामलों को वर्ष 2009-10 तक वापस लिया जाएगा, जिससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को आराम मिलेगा।

अन्य बकाया मामलों की वापसी:

  • वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 10,000 रुपये तक के मामलों को वापस लिया जाएगा, जिससे एक करोड़ करदाताओं को अधिक सुविधा होगी।

कराधान सेवाएं में सुधार:

  • बजट भाषण में करदाता सेवाओं में सुधार का ऐलान किया गया है, जिससे ईमानदार करदाताओं को आराम मिलेगा।

स्टार्टअप्स और सॉवरेन वेल्थ व पेंशन फंड्स:

  • स्टार्टअप्स और सॉवरेन वेल्थ व पेंशन फंड्स में निवेश करने वालों को टैक्स सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी, जो नए विनिवेशकों को प्रोत्साहित करेगा।

ईमानदार करदाताओं को होगा लाभ:

  • यह प्रस्ताव दिखाता है कि सरकार ईमानदार करदाताओं के हित में सकारात्मक कदम उठा रही है और उन्हें बकाया मामलों की सुलझाने में सहारा मिलेगा।

इससे यह साबित होता है कि वित्त मंत्री ने टैक्सेशन क्षेत्र में ईमानदार करदाताओं की सुविधा और सहारा में सुधार के प्रति सकारात्मक कदम उठाया है, भले ही कोई बड़ा टैक्स दर में बदलाव नहीं किया गया हो।