हिमाचल में 21 साल बाद तृतीय श्रेणी पदों पर नियमित भर्ती, स्पेशल एजुकेटर के 245 पद भरे जाएंगे
शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने 21 साल बाद तृतीय श्रेणी (ग्रुप-सी) के पदों पर नियमित भर्ती शुरू करने की घोषणा की है। इस बार 245 स्पेशल एजुकेटर के पद भरे जाएंगे, जिनमें से 138 पद प्राइमरी और 107 पद अपर प्राइमरी स्कूलों के लिए होंगे। यह भर्ती हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग, हमीरपुर द्वारा की जाएगी। इसके लिए पात्रता की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष निर्धारित की गई है।
भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव
यह भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हो रही है, जिससे भर्ती नियमों में अनुबंध आधार की पुरानी व्यवस्था को बदल दिया गया है। हिमाचल में वर्ष 2003 के बाद पहली बार तृतीय श्रेणी के पदों पर नियमित आधार पर भर्ती की जा रही है। पिछले 21 वर्षों से अनुबंध पर ही भर्तियां हो रही थीं।
शैक्षणिक योग्यता
प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले 138 स्पेशल एजुकेटर पदों के लिए उम्मीदवारों को 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा। इन शिक्षकों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बड़ी राहत
हिमाचल प्रदेश में विशेष आवश्यकता वाले 5,000 से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं, जिन्हें अब तक सामान्य स्कूलों में ही पढ़ाया जा रहा था, क्योंकि राज्य में स्पेशल एजुकेटरों की कमी थी। इन बच्चों के लिए सुंदरनगर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से एक सेंटर भी बनाया गया है, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण यह बच्चे पूरी तरह से इसका लाभ नहीं उठा पा रहे थे।
इस भर्ती से क्या फायदा होगा?
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा: इस भर्ती के माध्यम से इन बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षक मिलेंगे, जो उनकी विशेष शैक्षणिक जरूरतों को समझकर बेहतर शिक्षा प्रदान करेंगे।
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: स्पेशल एजुकेटरों की नियुक्ति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो अब तक सामान्य स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे और उन्हें विशेष देखभाल नहीं मिल पा रही थी।
- समान अवसरों का विकास: यह कदम से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को भी समान अवसर मिल सकेंगे।