हिमाचल में भरे जाएंगे सहायक स्टाफ नर्स के 400 पद, पर पांच साल बाद क्या होगा
शिमला। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की तैयारी है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पहली बार सहायक स्टाफ नर्स (Assistant Staff Nurse) के नाम से एक नया कैडर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
इस नई भर्ती के तहत नर्सिंग में बीएससी, एमएससी या जीएनएम कोर्स कर चुके युवाओं के लिए 400 पदों पर भर्ती की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार, यह भर्ती नियमित (regular) न होकर एक निश्चित अवधि के लिए होगी। यनित उम्मीदवारों को 25,000 रुपये प्रति माह का निश्चित वेतन (fixed salary) दिया जाएगा।
यह नियुक्ति 5 वर्षों के कॉन्ट्रैक्ट पर होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि 5 साल की सेवा के बाद इन नर्सों का भविष्य क्या होगा? स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में फिलहाल इस बात का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है कि 5 साल बाद इन्हें नियमित किया जाएगा या नहीं।
भर्ती प्रक्रिया कैसे होगी?
स्वास्थ्य विभाग ने 400 पदों को भरने का पूरा प्रस्ताव तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को भेज दिया है। CMO से मंजूरी मिलते ही, यह प्रस्ताव हमीरपुर स्थित राज्य चयन आयोग (HPRCA) को भेजा जाएगा। भर्ती की पूरी प्रक्रिया, जिसमें लिखित परीक्षा या अन्य मापदंड शामिल हो सकते हैं, आयोग द्वारा ही पूरी की जाएगी।
आउटसोर्स से बेहतर, पर नियमित से कम
यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में अस्पतालों में आउटसोर्स पर तैनात नर्सों को ठेकेदारों के माध्यम से केवल 13,000 से 17,000 रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। उनकी तुलना में 25,000 रुपये का वेतन एक बड़ा सुधार है, लेकिन यह नियमित स्टाफ नर्सों के वेतनमान से अलग है।
क्यों हो रही है यह भर्ती?
प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्सों की भारी कमी है। आंकड़ों के अनुसार:
| विभाग | सृजित पद | रिक्त पद |
| चिकित्सा शिक्षा निदेशालय | 1996 | 536 |
| स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण | 1922 | 702 |
इन 400 सहायक नर्सों की भर्ती से विशेष रूप से मेडिकल कॉलेजों (जहां 536 पद खाली हैं) में स्टाफ की कमी दूर करने और मरीजों को बेहतर इलाज देने में मदद मिलने की उम्मीद है।