सौर ऊर्जा परियोजना से मालामाल होंगे हिमाचली युवा, मिलेगी 40% सब्सिडी

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजना (Himachal Pradesh Green Energy) स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार युवाओं की आर्थिक मदद प्रदान करेगी और 25 वर्ष तक बिजली की खरीद भी करेगी।
 

ऊना। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजना (Himachal Pradesh Green Energy) स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार युवाओं की आर्थिक मदद प्रदान करेगी। इसके साथ ही सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने वालों से 25 वर्ष तक बिजली की खरीद भी करेगी। इससे सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने वाले युवाओं को निश्चित आय मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार को ऊना जिला के गगरेट क्षेत्र के बड़ा भंजाल में आयोजित सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में कही।

बता दें कि मुख्यमंत्री ने जिस सौर ऊर्जा परियोजना का जिक्र किया है, उसमें हिमाचल सरकार हिमाचल प्रदेश सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सोलर एनर्जी परियोजना की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की है। हिमाचल सरकार सोलर एनर्जी के दोहन को बढ़ावा दे रही है। वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का भी लक्ष्य रखा है। सुक्खू सरकार ने अपना पहला बजट भी हरित बजट के रूप में प्रस्तुत किया है।

हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने और प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों का पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उत्पादन महत्वपूर्ण कदम है। हिमाचल सरकार ई-वाहनों के संचालन को भी बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार ने अब विभागों में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की खरीद पर भी रोक लगा दी है। इससे आने वाले समय में प्रदेश में बिजली की मांग और बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस योजना से जहां हिमाचली युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। वहीं, हिमाचल को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने के प्रयासों को भी इससे बल मिलेगा। हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से स्थापित इकाइयों से 25 साल के लिए बिजली की खरीद करेगी. इससे युवाओं को आय के स्थाई स्रोत प्राप्त होंगे।

राज्य सरकार देगी 40 प्रतिशत सब्सिडी

सोलर एनर्जी इकाइयां स्थापित करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत राज्य सरकार 40 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति सरकार का यह सक्रिय दृष्टिकोण न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देगा, बल्कि विकास और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। इससे हिमाचल देश में स्वच्छ ऊर्जा अपनाने में अग्रणी बनेगा।