हिमाचल: युक्रेन से घर पहुंची बेटी तो परिवार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 21 हजार
हिमाचल प्रदेश में एक और परिवार ने मिशाल पेश की है। परिवार ने युक्रेन से बेटी के सुरक्षित घर पहुंचे पर माता-पिता ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 हजार रुपये दान दिए हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की नगर परिषद मैहतपुर बसदेहड़ा निवासी वंशिका भी युक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। और युद्ध शुरू होने के बाद वहां फंस गई थी। ऑपरेशन गंगा के तहत उन्हें सुरक्षित स्वदेश लाया गया।
वंशिका के घर पहुंचने पर अभिभावकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 हजार की धनराशि भेंट की है। शनिवार को धनराशि का चेक वंशिका के माता-पिता ने छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती को भेंट किया। वंशिका के पिता सुशील कुमार और माता मोनिका तोहान ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी सुरक्षित घर पहुंच गई है। युक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों को सुरक्षित लाने में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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भारतीय छात्रों की बॉर्डर पर पहुंचना है प्राथमिकता
वंशिका के मुताबिक यूक्रेन की राजधानी कीव में अभी भी हजारों भारतीय छात्र फंसे हैं। उसने कहा कि अपनी नेशनल यूनिवर्सिटी से बॉर्डर तक पहुंचने के लिए लगभग 22 घंटे का वक्त लगा था। भारतीय छात्र किसी भी तरह बॉर्डर पार करने के लिए जद्दोजहद करते रहे और जैसे-तैसे बॉर्डर तक पहुंचना भारतीय छात्रों की प्राथमिकता रही। बॉर्डर पर पहुंचने के बाद उन्हें फ्लाइट से सुरक्षित दिल्ली के हिमाचल भवन और फिर हिमाचल सरकार की सहायता से सुरक्षित अपने घर तक पहुंचाया गया।
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सतपाल सत्ती को भेंट किया 21 हजार रुपये का चेक
उधर, सतपाल सिंह सती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं भारत सरकार के प्रयासों से ही संभव हो पाया कि हमारे बच्चे युद्ध जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों से भी सकुशल वापस लौट रहे हैं। ऊना के तीन बच्चों वंशिका, परविंदर और अक्षय वशिष्ट से मुलाकात हुई। वंशिका के माता-पिता ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 21हजार रुपये का चेक भी भेंट किया। सरकार यूक्रेन से सभी लोग सकुशल वापिस लौटे इसके लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।
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हमीरपुर के अंकिता ठाकुर ने पिता ने दिए थे 31 हजार
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले युक्रेन से हमीरपुर की अंकिता ठाकुर भी लौटीं थी। परिजनों ने अंकिता की आरती उतारी तथा पूजा केक काटकर खुशी भी जाहिर की। बेटी के लौटने पर सरकार के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए अंकिता के पिता डॉ. जेबी ठाकुर ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 21000 रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष में 11000 रुपये का चेक भेजा है। अंकिता और उसके परिजनों के इस कदम की पूरे देश में चर्चा हो रही है।