शिमला की छवि को बट्टा लगा रहे 'टूरिस्ट टाउट्स', होटल एसोसिएशन ने DGP से की शिकायत

फेडरेशन का कहना है कि ये दलाल शहर के एंट्री पॉइंट्स पर ही पर्यटकों को रोक लेते हैं और उन्हें कम कीमत या बेहतर सुविधाओं का झांसा देकर गुमराह करते हैं। इससे न केवल पर्यटकों को खराब अनुभव मिल रहा है, बल्कि 'देवभूमि' हिमाचल और शिमला की छवि भी राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही है।
 

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 'टूरिस्ट टाउट्स' यानी अनधिकृत दलालों के आतंक से पर्यटन कारोबारियों में भारी रोष है। पर्यटकों के साथ जबरदस्ती करने और उन्हें गुमराह करने के मामलों को लेकर फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन्स (FOHHRA) ने अब सख्त रुख अपना लिया है।

The week ने समाचार एजेंसी PTI के हवाले से लिखा है कि FOHHRA ने 9 नवंबर को इस गंभीर मुद्दे पर पुलिस महानिदेशक (DGP) और पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव को औपचारिक शिकायत पत्र भेजे हैं। इन पत्रों में अनधिकृत गाइड्स और दलालों द्वारा पर्यटकों को परेशान करने, उन्हें जबरदस्ती अपने तय होटलों या दुकानों तक ले जाने और बदसलूकी करने का आरोप लगाया गया है।

फेडरेशन का कहना है कि ये दलाल शहर के एंट्री पॉइंट्स पर ही पर्यटकों को रोक लेते हैं और उन्हें कम कीमत या बेहतर सुविधाओं का झांसा देकर गुमराह करते हैं। इससे न केवल पर्यटकों को खराब अनुभव मिल रहा है, बल्कि 'देवभूमि' हिमाचल और शिमला की छवि भी राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही है।

इसके साथ ही, शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने भी अलग से पुलिस अधीक्षक (SP) शिमला को पत्र लिखकर विक्ट्री टनल से तारा हॉल स्कूल के बीच सक्रिय दलालों पर नकेल कसने की मांग की है। कारोबारियों का कहना है कि यह "माफिया" उन पंजीकृत होटलों और टैक्सी ऑपरेटरों के व्यवसाय को भी नुकसान पहुंचा रहा है, जो ईमानदारी से और नियमों के तहत काम कर रहे हैं।

होटल एसोसिएशनों ने पुलिस प्रशासन से इन 'टाउट्स' के खिलाफ तत्काल अभियान चलाने, इनके पहचान पत्रों की जांच करने और इन पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस समस्या को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसका सीधा असर राज्य के पर्यटन पर पड़ेगा, जो पहले ही मॉनसून की आपदा से उबरने का प्रयास कर रहा है।