नादौन में बनेगा 25 करोड़ का 'एक्वा पार्क', किसानों-युवाओं की बढ़ेगी कमाई
शिमला। हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार ने मछली पालन (मत्स्य पालन) को बड़ा सहारा देने की योजना बनाई है। इसी दिशा में, हमीरपुर जिले के नादौन में 25 करोड़ रुपये की लागत से एक शानदार 'एकीकृत एक्वा पार्क' बनाया जाएगा। इसे एक तरह से मछली पालन की ट्रेनिंग और उत्पादन का आधुनिक केंद्र कहा जा सकता है।
क्यों खास है यह पार्क?
यह पार्क किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए पैसे कमाने का एक बड़ा मौका बनेगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता गाँव की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है। यह पार्क उस लक्ष्य को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
यह पार्क मछली का बीज तैयार करने, मछली का चारा बनाने, और मछली को बाज़ार तक पहुंचाने जैसे कई कामों के लिए लोगों को रोज़गार देगा। यह पार्क किसानों और युवाओं को मछली पालन के सबसे नए और आधुनिक तरीके (जैसे बायोफ्लॉक और आरएएस सिस्टम) सिखाएगा, जिससे वे कम जगह में ज़्यादा मछली पैदा कर सकेंगे।
किसानों को क्या मिलेगा फायदा?
इस पार्क का सीधा फायदा स्थानीय मछली पालकों को होगा। पार्क में रोहू, कतला और विदेशी प्रजाति की मछलियों (जैसे पंगेसियस और सजावटी मछलियां) के सबसे अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार किए जाएंगे, जिससे किसानों का उत्पादन बढ़ेगा। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला मछली का चारा भी यहीं से मिल सकेगा, जो उनकी लागत कम करेगा और मछली की ग्रोथ बढ़ाएगा।
पार्क में डेमो यूनिट्स (प्रदर्शनी इकाइयां) होंगी, जहां युवा खुद काम करके मछली पालन की हर बारीकी सीख सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मछली उत्पादन के नए तरीकों को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाया जाए ताकि किसानों को उनकी मेहनत का मुनाफे वाला दाम मिल सके। इस पहल से उम्मीद है कि मछली पालन अब एक लाभदायक और भरोसेमंद बिज़नेस (उद्यम) बन जाएगा।