मानसून की पहली ही बारिश से तबाही, शिमला में गाड़ियां दबीं, आठ जिलों में 72 घंटों का अलर्ट 

हिमाचल प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रवेश करते ही भारी तबाही मच गई है। इस बार पिछले साल के मुकाबले देरी से पहुंचे मानसून की पहली ही बारिश ने शिमला में जगह-जगह भूस्खलन और मलबे से व्यापक नुकसान पहुंचाया है।
 

हिमाचल प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रवेश करते ही भारी तबाही मच गई है। इसी बीच मौसम विभाग के अगले 72 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया। बिलासपुर, चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए यह अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में गर्जना के भारी बारिश के साथ बिजली चमकने का अलर्ट जारी किया है।

इस बार पिछले साल के मुकाबले देरी से पहुंचे मानसून की पहली ही बारिश ने शिमला में जगह-जगह भूस्खलन और मलबे से व्यापक नुकसान पहुंचाया है। विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण आठ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। शिमला के मल्याणा, चमियाना, भट्ठाकुफर, मिनी कुफ्टाधार सहित अन्य स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। चमियाना में सड़क किनारे पार्क की गई कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं, जिससे व्यापक नुकसान हुआ है।

भट्टाकुफर में पहाड़ी से गाड़ियों पर पत्थर गिरने से सड़क किनारे पार्क एक गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं, मिनी कुफ्ताधार का रास्ता मलबे से नाले में बदल गया है। शहर की ईदगाह कॉलोनी में डंगा गिरने से रास्ता बंद हो गया है। पगोग सड़क पर आए पत्थर और मलबे से आवाजाही भी प्रभावित रही। जुन्गा रोड पर बारिश का पानी घरों में घुस गया और खलीनी में भी भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।

बारिश के आंकड़े और आपूर्ति में कमी

वीरवार रात को जुब्बड़हट्टी में 136.0 मिमी, शिमला में 84.0 मिमी, गोहर में 42.0 मिमी, मशोबरा में 38.0 मिमी, सलापड़ में 34.6 मिमी, कुफरी में 24.2 मिमी, बिलासपुर में 22.0 मिमी, घागस में 18.8 मिमी, करसोग में 18.2 मिमी, काहू में 16.0 मिमी और पंडोह में 12.0 मिमी बारिश दर्ज की गई। देर रात हुई भारी बारिश से गिरि में भी गाद आने से पानी की आपूर्ति घट गई है। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में सूखे से बंद पड़ी पेयजल योजनाओं में फिर से आपूर्ति शुरू होने से कुछ राहत मिली है।

सात दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में अगले सात दिनों तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही, अंधड़ चलने का भी अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश के शेष भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल हैं। 4 जुलाई तक बारिश का सिलसिला लगातार जारी रहने का पूर्वानुमान है और इस साल मानसून सामान्य रहने के आसार हैं। 29 और 30 जून को कुछ स्थानों पर भारी से भी भारी बारिश हो सकती है।

सतर्कता और बचाव के निर्देश

जिला प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत जारी की है। एचआरटीसी चालकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। खड़ामुख होली मार्ग पर सुहागा नामक स्थान के समीप सुबह करीब सात बजे भूस्खलन हो गया, जिससे वाहनों की आवाजाही थम गई। इस दौरान एक ट्रक गुजर रहा था, लेकिन गनीमत रही कि ज्यादा मलबा नहीं गिरा, अन्यथा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो सकता था।

लोक निर्माण विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को बहाल किया, जिसके बाद वाहनों की आवाजाही करीब तीन घंटे बाद शुरू हो पाई। इस मानसून की बारिश से हुई तबाही ने प्रशासन और स्थानीय निवासियों को सतर्क कर दिया है। लगातार बारिश के चलते और भी भूस्खलन और मलबे के गिरने की घटनाएं हो सकती हैं, इसलिए सभी को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।